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किन्नौर कांग्रेस अध्यक्ष ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल, लगाए ये आरोप

किन्नौर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उमेश नेगी ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उमेश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में तबादलों पर रोक लगाई है. इसके बावजूद भी किन्नौर में डीएफओ की मनमर्जी से फॉरेस्ट गार्डों के तबादले हुए.

उमेश नेगी, किन्नौर कांग्रेस अध्यक्ष
उमेश नेगी, किन्नौर कांग्रेस अध्यक्ष
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Published : Sep 4, 2020, 10:51 AM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उमेश नेगी ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि किन्नौर वन विभाग में डीएफओ सरकार के नियमानुसार काम नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों वन विभाग में डीएफओ किन्नौर ने 20 फॉरेस्ट गार्डों का शिफ्टिंग के नाम पर तबादला किया है, जो नियमों के खिलाफ है.

उमेश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में तबादलों पर रोक लगाई है. इसके बावजूद भी किन्नौर में डीएफओ की मनमर्जी से फॉरेस्ट गार्डों के तबादले हुए. उमेश नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएफओ पर बीजेपी के नेता दबाव बना रहे हैं. वन विभाग में ठेकेदार व बीजेपी के नेता अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं. वन विभाग में टेंडर की प्रक्रिया भी सही रूप से नहीं हो रही है. पिछले दिनों भी सांगला घाटी के किसी वन विभाग के टेंडर में डीएफओ किन्नौर ने लोगों को सूचना दिए बिना बीजेपी नेताओं के निजी मुनाफे को देखते हुए उन्हें टेंडर दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

नेगी ने कहा कि किन्नौर वन विभाग में बीजेपी नेता अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर टेंडर ले रहे हैं, जिसके विरोध में जिला कांग्रेस डीएफओ के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी. उमेश नेगी ने कहा कि किन्नौर में सैकड़ों ठेकेदार वन विभाग में टेंडर लेने के लिए जाते हैं, लेकिन उनमें कुछ चुनिंदा बीजेपी नेताओं को छोड़कर दूसरे ठेकेदारों को काम नहीं दिया जाता है.

कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि इससे किन्नौर के कई युवा ठेकेदार बेरोजगार होने की कगार पर है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के हस्तक्षेप से वन विभाग के कर्मचारियों में भी काफी नाराजगी है.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उमेश नेगी ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि किन्नौर वन विभाग में डीएफओ सरकार के नियमानुसार काम नहीं कर रहे हैं. पिछले दिनों वन विभाग में डीएफओ किन्नौर ने 20 फॉरेस्ट गार्डों का शिफ्टिंग के नाम पर तबादला किया है, जो नियमों के खिलाफ है.

उमेश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में तबादलों पर रोक लगाई है. इसके बावजूद भी किन्नौर में डीएफओ की मनमर्जी से फॉरेस्ट गार्डों के तबादले हुए. उमेश नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएफओ पर बीजेपी के नेता दबाव बना रहे हैं. वन विभाग में ठेकेदार व बीजेपी के नेता अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं. वन विभाग में टेंडर की प्रक्रिया भी सही रूप से नहीं हो रही है. पिछले दिनों भी सांगला घाटी के किसी वन विभाग के टेंडर में डीएफओ किन्नौर ने लोगों को सूचना दिए बिना बीजेपी नेताओं के निजी मुनाफे को देखते हुए उन्हें टेंडर दिया है.

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नेगी ने कहा कि किन्नौर वन विभाग में बीजेपी नेता अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर टेंडर ले रहे हैं, जिसके विरोध में जिला कांग्रेस डीएफओ के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी. उमेश नेगी ने कहा कि किन्नौर में सैकड़ों ठेकेदार वन विभाग में टेंडर लेने के लिए जाते हैं, लेकिन उनमें कुछ चुनिंदा बीजेपी नेताओं को छोड़कर दूसरे ठेकेदारों को काम नहीं दिया जाता है.

कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि इससे किन्नौर के कई युवा ठेकेदार बेरोजगार होने की कगार पर है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के हस्तक्षेप से वन विभाग के कर्मचारियों में भी काफी नाराजगी है.

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