किन्नौर: किन्नौर आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ (Kinnaur Outsource Employees Association) के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है की अगर सरकार ने उनकी मांगों पर अमल नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में कर्मचारी उग्र प्रदर्शन करेंगे. कर्मचारियों ने सरकार द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ठोस नीति नहीं बनाने को लेकर नाराजगी जताई है.
आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ किन्नौर के जिला अध्यक्ष कमल नेगी ने कहा कि 4 मार्च को प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया, जिसमे अन्य कर्मचारी वर्ग को सरकार द्वारा कुछ नई नीति और अन्य लाभ दिए गए हैं, लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केवल इस बजट (Himachal Budget 2022) में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मात्र 50 रुपये प्रतिदिन बढ़ाया है, जो नाकाफी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आउसोर्स कर्मचारियों (Himachal outsource employees) को केवल चुनावी वर्ष को देखते हुए 50 रुपये प्रतिदिन का लालच दिया है, जबकि आउटसोर्स प्रक्रिया में जब तक ठोस नीति नहीं बनती, तब तक आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित नहीं है.
कमल नेगी ने कहा कि आज प्रदेश और जिला किन्नौर के हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को अपनी नौकरी की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है. ऐसे में पिछले कई वर्षो से प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी एक नीति बनाने की मांग कर रहे है, जिससे सभी आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित हो. लेकिन सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की बात पर गौर नहीं कर रही और लगातार आउटसोर्स कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा को लेकर परेशान है. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते सरकार ने कोई नीति नहीं बनाई, तो कर्मचारी महासंघ सरकार के खिलाफ सड़को पर उतरने से गुरेज नहीं करेगी.
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