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किन्नौर में सूखा पड़ने से बागवान परेशान, सताने लगी फसल व सेब के बगीचों की चिंता

जिला किन्नौर में इन दिनों काफी गर्मी हो चुकी है जिसके चलते जिला के बागवानों व किसानों को अब सूखे की मार झेलना पड़ सकता है. बागवानों ने कहा कि इस वर्ष इतना भयंकर सूखा पड़ा हुआ है कि खेतों की फसल व सेब के बगीचों की हालत खराब होने लगी है. उन्होंने जिला प्रशासन से इस नहर की मरमत करने की अपील भी की है, ताकि क्षेत्र के लोगों को जल्द ही सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई हो सके.

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Published : Mar 19, 2021, 7:36 PM IST

Gardener upset due to drought in Kinnaur
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किन्नौरः जिला किन्नौर में इन दिनों काफी गर्मी हो चुकी है जिसके चलते जिला के बागवानों व किसानों को अब सूखे की मार झेलना पड़ सकता है. जिला में करीब डेढ़ महीने से अधिक होने को आया है, लेकिन बारिश की बूंदों को किसान बागवान तरस गए है. ऐसे में सेब के बगीचों समेत खेतो में बीजे गए फसलो के सूखने की नोबत तक आई है.

सूखे से हालत खराब

बागवानों ने कहा कि इस वर्ष इतना भयंकर सूखा पड़ा हुआ है कि खेतों में फसलों और सेब के बगीचों की हालत खराब होने लगी है. वहीं, सिंचाई के लिए नहर में पानी की किल्लत है, जिसके चलते के बागवानों व किसानों को सूखे की मार झेलना पड़ रही है. उन्होंने कहा कि जिला के कल्पा, तेलंगी, ख्वांगी, पंगी व रिकांगपिओ के आसपास वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए नहर की सुविधा तो है, लेकिन इस नहर की मरम्मत के लिए हाल ही में सरकार की ओर से बजट दिया गया है. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से इस नहर की मरम्मत करने की अपील भी की है, ताकि क्षेत्र के लोगों को जल्द ही सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई हो सके.

वीडियो

जल स्त्रोत सूखने से पैदा हुई समस्या

बता दे कि जिला किन्नौर के रिकांगपिओ क्षेत्र के आसपास अधिक बड़े-बड़े रिहायशी इलाके होने की वजह से गर्मी अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में क्षेत्र के लोगो को सिंचाई इत्यादि के लिए भी पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है, क्योंकि इस वर्ष बर्फबारी काफी कम हुई है जिस कारण जिले के अधिकतर जलस्त्रोत सूख चुके हैं, जिसके चलते सिंचाई के पानी की समस्याएं आने की संभावनाएं भी दिख रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में एसएमसी शिक्षकों को सरकार का झटका, शिक्षा मंत्री बोले- नहीं होंगे नियमित

किन्नौरः जिला किन्नौर में इन दिनों काफी गर्मी हो चुकी है जिसके चलते जिला के बागवानों व किसानों को अब सूखे की मार झेलना पड़ सकता है. जिला में करीब डेढ़ महीने से अधिक होने को आया है, लेकिन बारिश की बूंदों को किसान बागवान तरस गए है. ऐसे में सेब के बगीचों समेत खेतो में बीजे गए फसलो के सूखने की नोबत तक आई है.

सूखे से हालत खराब

बागवानों ने कहा कि इस वर्ष इतना भयंकर सूखा पड़ा हुआ है कि खेतों में फसलों और सेब के बगीचों की हालत खराब होने लगी है. वहीं, सिंचाई के लिए नहर में पानी की किल्लत है, जिसके चलते के बागवानों व किसानों को सूखे की मार झेलना पड़ रही है. उन्होंने कहा कि जिला के कल्पा, तेलंगी, ख्वांगी, पंगी व रिकांगपिओ के आसपास वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए नहर की सुविधा तो है, लेकिन इस नहर की मरम्मत के लिए हाल ही में सरकार की ओर से बजट दिया गया है. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से इस नहर की मरम्मत करने की अपील भी की है, ताकि क्षेत्र के लोगों को जल्द ही सिंचाई के लिए पानी की सप्लाई हो सके.

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जल स्त्रोत सूखने से पैदा हुई समस्या

बता दे कि जिला किन्नौर के रिकांगपिओ क्षेत्र के आसपास अधिक बड़े-बड़े रिहायशी इलाके होने की वजह से गर्मी अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में क्षेत्र के लोगो को सिंचाई इत्यादि के लिए भी पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है, क्योंकि इस वर्ष बर्फबारी काफी कम हुई है जिस कारण जिले के अधिकतर जलस्त्रोत सूख चुके हैं, जिसके चलते सिंचाई के पानी की समस्याएं आने की संभावनाएं भी दिख रही है.

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