किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में कूड़ा एकत्रीकरण की व्यवस्था डगमगाती नजर आ रही है. अब रिकांगपिओ के हर स्थान पर कूड़े के ढेर देखने के साथ बेसहारा पशुओं का चारा बनता दिख रहा है. वहीं, प्रशासन की तरफ से भी अबतक इस विषय में कोई ठोस कदम उठता नहीं दिखा है और कूड़ा एकत्रीकरण पर लगातार लोग प्रशासन से सवाल भी खड़े करते नजर आए हैं.
सफाई व्यवस्था ठप
इस विषय मे जनजतीय सलाहाकार परिषद के सदस्य शांता नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर का मुख्यालय पर्यटन की दृष्टि से विख्यात है व प्रशासनिक अधिकारियों के रहने की जगह होने के कारण यहां पर आए दिन सैकड़ों लोग अपने काम से आते हैं. मौजूदा समय में रिकांगपिओ की सफाई व्यवस्था की हालत काफी खराब है और रिकांगपिओ के हर स्थान पर कूड़ा ही कूड़ा फैला हुआ है.
बेसहारा पशु खा रहे कूड़ा
सड़क किनारे व सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फैलने से अब इस कूड़े को बेसहारा पशु खा रहे हैं. जिससे इन पशुओं की जान भी जा सकती है. अबतक इस विषय में प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. वहीं, लबे समय से डोर टू डोर गरबेज कलेक्शन के लिए भी सफाई कर्मी नहीं आ रहे है, जिसके चलते कूड़ा घरों पर ही पड़ा हुआ है.
डिस्पोजल मशीन नहीं हुई शुरू
रिकांगपिओ इलाके का कूड़े को उठाकर पोवारी समीप कूड़ा इक्कट्ठा करके रखा जाता है, लेकिन उस स्थान पर भी कूड़ा खुले में रखने के कारण कूड़ा सड़कों पर गिर रहा है. जिससे आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी दिक्कतें हो रही हैं.
वहीं, इस कूड़े को सही निष्पादन करने के लिए एक डिस्पोजल मशीन को भी चालू नहीं किया है. जिससे कूड़ा इधर उधर फैल रहा है. साथ ही उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि यदि घरद्वार कूड़ा एकत्रीकरण के लिए सफाई कर्मी नहीं आते हैं, तो तबतक कूड़े को सड़कों पर न फैंके ताकि गन्दगी न फेल सके.
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