किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के साथ लगते क्षेत्रों में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. किन्नौर के चौरा निगुलसरी के जंगल व जिला शिमला के रूपी के साथ लगते सुरु के जंगलों में भी आग ने भयंकर रूप धारण किया है, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
साथ ही न तो जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है और ना ही अग्निकांड की घटनाओं में विभाग के कर्मी हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में अग्निकांड के चलते प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्र जैसे शिमला के ऊपरी हिस्से, कुल्लू जिला के आनी, निरमंड और किन्नौर के भाबा नगर उपमंडल में ज्यादातर वन भूमि जल कर राख हुई हैं.
आग की घटनाओं में लोगों की ओर से विभाग को सूचना देने या फिर सहायता के लिए संपर्क करने की कोशिशें भी बेकार हो रही हैं. ज्यादातर वन रक्षक अपने वन बीटों में कभी कभार मेहमान बन कर ही जाते हैं. इस से पर्यावरण और पशु प्रेमी खासे चिंतित हैं.
हालांकि वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर हर वन परिक्षेत्र में जागरूकता शिविर और हेल्पलाइन नंबर की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल में ये सिर्फ कागजी दावे ही नजर आ रहे हैं.
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