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World E-waste Day: विश्व ई-कचरा दिवस पर डीसी कांगड़ा ने ई-कचरा वाहन को दी हरी झंडी - ई कचरा दिवस पर बोले डीसी कांगड़ा

विश्व ई-कचरा दिवस पर डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने डीसी कार्यालय परिसर से ई-कचरा संग्रहण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान निपुण जिंदल ने कहा कि मंगलवार को यह वाहन पालमपुर और नगरोटा बगवां, जबकि बुधवार को देहरा और ज्वालामुखी उपमंडल में यह वाहन ई-वेस्ट कलेक्शन के लिए उपलब्ध रहेगा. पढ़ें पूरी खबर.. (World E-waste Day) (DC Kangra On World-E waste Day)

kangra DC Given Green Signal To E-Waste Collection Vehicle
विश्व ई-कचरा दिवस पर डीसी कांगड़ा ने ई-कचरा वाहन को दी हरी झंडी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 16, 2023, 8:00 PM IST

ई-कचरा वाहन को हरी झंडी दिखाते कांगड़ा डीसी

धर्मशाला: विश्व ई-कचरा दिवस पर हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धर्मशाला में मोबाइल ई-वेस्ट ड्राइव शुरू किया गया. दरअसल, ई-वेस्ट के प्रति जागरूकता को लेकर सोमवार को कांगड़ा में हिमालयन साइबर सिक्योरिटी सिस्टम की मदद से इस ड्राइव को शुरू किया गया. बता दें कि 14 अक्टूबर को ई-वेस्ट डे के रूप में मनाया जाता है. जिसके तहत जिला प्रशासन ई-वेस्ट संग्रहण सप्ताह मना रहा है. इसी कड़ी में डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने ई-वेस्ट वाहन को जिला मुख्यालय धर्मशाला से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान डीसी ने कहा कि शहरी निकायों में यह जरूरी है कि ई-वेस्ट के लिए अलग से संग्रहण के लिए व्यवस्था करें.

दरअसल, डीसी ने कहा कि शहरी निकायों में यह जरूरी है कि ई-वेस्ट के लिए अलग से संग्रहण के लिए व्यवस्था करें. डीसी ने कहा कि घरों में कई बार देखा जाता है कि जो पुराने इलेक्ट्रोनिक उपकरण होते हैं, जिन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाता और जला दिया जाता है. इलेक्ट्रोनिक उपकरणों में कई ऐसे एलिमेंट्स होते हैं, जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. जलाने से जहां इन उपकरणों का धुआं हमारे खाने में पहुंचता है या फिर हमारे जलस्त्रोतों में फेंका जाता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ते हैं.

डीसी ने कहा कि ई-वेस्ट के लिए रिसाइक्लिंग सुविधा होती है, लेकिन कांगड़ा में ऐसी व्यवस्था नहीं है. कलेक्शन सेंटर जरूर है. ई-वेस्ट, वेस्ट की अलग कैटेगरी है, इसे समझना बेहद जरूरी है, इसके डिस्पोजल का तरीका भी सामान्य से अलग है. उन्होंने कहा कि इसे घर पर भी रखना सुरक्षित नहीं है. कई बार ऐसा भी होता है कि पुराने मोबाइल की बैटरी फट गई, ऐसे में सभी को ई-वेस्ट को घरों में न रखकर अधिकृत रिसाइक्लर को देना चाहिए.

डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि सभी लोगों के घरों में बहुत सारा ई-वेस्ट होता है, मैंने खुद अपने घर का ई-वेस्ट यहां सौंपा है साथ ही कर्मचारियों से आहवान किया है कि वे भी अपने घर के ई-वेस्ट हो, उसे जरूर दें. डीसी ने बताया कि मंगलवार को यह वाहन पालमपुर और नगरोटा बगवां, जबकि बुधवार को देहरा और ज्वालामुखी उपमंडल में यह वाहन ई-वेस्ट कलेक्शन के लिए उपलब्ध रहेगा.

ई-वेस्ट के बारे में जागरूकता की पहल: डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ई-कचरा स्थाई व्यवस्था नहीं, बल्कि अस्थायी व्यवस्था होगी, इसे अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है, जिसे जागरूकता के लिए चलाया जा रहा है. अभियान के तहत लोगों को ई-वेस्ट को जलाने पर होने वाले दुष्प्रभावों बारे जागरूक किया जाएगा. किसी भी प्रकार के वेस्ट को जलाने पर प्रतिबंध हैं. शहरी निकाय इकाईयों ऐसे किसी भी मामले पर कार्रवाई कर सकती हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से जुर्माना ऐसे मामलों में लगाया जाता है. इस पर अभियान भी शुरू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: Icc World Cup 2023: धर्मशाला में मैच से 6 घंटे पहले बड़े वाहनों की नो एंट्री, जानें ट्रैफिक प्लान में किन वाहनों को रहेगी छूट

ई-कचरा वाहन को हरी झंडी दिखाते कांगड़ा डीसी

धर्मशाला: विश्व ई-कचरा दिवस पर हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धर्मशाला में मोबाइल ई-वेस्ट ड्राइव शुरू किया गया. दरअसल, ई-वेस्ट के प्रति जागरूकता को लेकर सोमवार को कांगड़ा में हिमालयन साइबर सिक्योरिटी सिस्टम की मदद से इस ड्राइव को शुरू किया गया. बता दें कि 14 अक्टूबर को ई-वेस्ट डे के रूप में मनाया जाता है. जिसके तहत जिला प्रशासन ई-वेस्ट संग्रहण सप्ताह मना रहा है. इसी कड़ी में डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने ई-वेस्ट वाहन को जिला मुख्यालय धर्मशाला से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान डीसी ने कहा कि शहरी निकायों में यह जरूरी है कि ई-वेस्ट के लिए अलग से संग्रहण के लिए व्यवस्था करें.

दरअसल, डीसी ने कहा कि शहरी निकायों में यह जरूरी है कि ई-वेस्ट के लिए अलग से संग्रहण के लिए व्यवस्था करें. डीसी ने कहा कि घरों में कई बार देखा जाता है कि जो पुराने इलेक्ट्रोनिक उपकरण होते हैं, जिन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाता और जला दिया जाता है. इलेक्ट्रोनिक उपकरणों में कई ऐसे एलिमेंट्स होते हैं, जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. जलाने से जहां इन उपकरणों का धुआं हमारे खाने में पहुंचता है या फिर हमारे जलस्त्रोतों में फेंका जाता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ते हैं.

डीसी ने कहा कि ई-वेस्ट के लिए रिसाइक्लिंग सुविधा होती है, लेकिन कांगड़ा में ऐसी व्यवस्था नहीं है. कलेक्शन सेंटर जरूर है. ई-वेस्ट, वेस्ट की अलग कैटेगरी है, इसे समझना बेहद जरूरी है, इसके डिस्पोजल का तरीका भी सामान्य से अलग है. उन्होंने कहा कि इसे घर पर भी रखना सुरक्षित नहीं है. कई बार ऐसा भी होता है कि पुराने मोबाइल की बैटरी फट गई, ऐसे में सभी को ई-वेस्ट को घरों में न रखकर अधिकृत रिसाइक्लर को देना चाहिए.

डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि सभी लोगों के घरों में बहुत सारा ई-वेस्ट होता है, मैंने खुद अपने घर का ई-वेस्ट यहां सौंपा है साथ ही कर्मचारियों से आहवान किया है कि वे भी अपने घर के ई-वेस्ट हो, उसे जरूर दें. डीसी ने बताया कि मंगलवार को यह वाहन पालमपुर और नगरोटा बगवां, जबकि बुधवार को देहरा और ज्वालामुखी उपमंडल में यह वाहन ई-वेस्ट कलेक्शन के लिए उपलब्ध रहेगा.

ई-वेस्ट के बारे में जागरूकता की पहल: डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ई-कचरा स्थाई व्यवस्था नहीं, बल्कि अस्थायी व्यवस्था होगी, इसे अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है, जिसे जागरूकता के लिए चलाया जा रहा है. अभियान के तहत लोगों को ई-वेस्ट को जलाने पर होने वाले दुष्प्रभावों बारे जागरूक किया जाएगा. किसी भी प्रकार के वेस्ट को जलाने पर प्रतिबंध हैं. शहरी निकाय इकाईयों ऐसे किसी भी मामले पर कार्रवाई कर सकती हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से जुर्माना ऐसे मामलों में लगाया जाता है. इस पर अभियान भी शुरू किया जा सकता है.

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