धर्मशाला: ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शनिवार को कांगड़ा में पुराना कांगड़ा स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह के समीप गौ सेंचुरी की प्रस्तावित साइट का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च 2021 तक हिमाचल प्रदेश को बेसहारा पशु मुक्त बनाने का संकल्प लिया है. इस संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य के 11 जिलों में गौ अभ्यारण्य स्थापित किए जा रहे हैं. इसमें कांगड़ा जिला में चार विभिन्न स्थलों पर गौ सेंचुरी के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है.
इन चार गौ सेंचुरी के लिए चार करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई हैं ताकि लावारिस पशुओं और गौ धन को सुरक्षित रखा जा सके. इसमें सामाजिक सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में गौहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत गौहत्या पर 5 साल के कठोर कारावास अथवा 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि आवश्यकतानुसार प्रदेश सरकार अधिनियम में संशोधन करेगी और कानून को और कड़ा किया जा सकता है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान और लोगों व संस्थाओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गौ सदनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. इस राशि का लाभ लेने के लिए गौ सदन संचालक जल्द से जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा करें और सोसाइटी बनाकर उसमें दो सरकारी सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करें.
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से सड़क से गौवंश को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि गौशाला और घरों में रखे जाने वाले सभी पशुओं की टैगिंग की जाएगी ताकि उनका पूरा रिकॉर्ड विभाग के पास रहे. पंचायती राज मंत्री ने कहा कि देसी गाय प्राकृतिक खेती का आधार है, इसलिए प्रदेश सरकार गौ विज्ञान केंद्र बनाने पर विचार कर रही है, जहां पर गाय की उन्नत नस्ल तैयार की जाएगी तथा उन्हें किसानों को प्रदान किया जाएगा.
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