धर्मशाला/कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के सुक्खू सरकार ने उन वाहन मालिकों को एक मौका किया है, जिन्होंने अभी तक अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है. इस पहल के तहत दोपहिया, ट्रैक्टर, पोकलेन, जेसीबी और अन्य चार पहिया वाहन मालिक बिना किसी जुर्माने के मौजूदा बाजार दर पर अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा इस कदम से राज्य में हजारों लोगों को बिना रजिस्ट्रेशन वाहनों को चलाने से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायता मिलेगी. साथ ही गाड़ी मालिकों को किसी भी जुर्माने के बिना वाहनों को पंजीकृत करने का मौका प्रदान कर सरकार ने पंजीकरण आवश्यकताओं की अनुपालना और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की है.
पीजीटी डिफाल्टर को एक और मौका: सीएम सुक्खू ने कहा वाहन पंजीकरण के अलावा प्रदेश सरकार ने बकाएदारों (डिफाल्टरों) के लिए पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स (पीजीटी) पर जुर्माना माफ करने का निर्णय लिया गया है. पीजीटी डिफाल्टर 30 जून, 2023 तक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वे मूल राशि के साथ एक मुश्त निपटान शुल्क भुगतान करके राज्य कर एवं आबकारी विभाग से अनापत्ति और कर भुगतान पत्र प्राप्त कर सकते हैं.
परिवहन विभाग से क्लीयरेंस अनिवार्य: यह एक मुश्त राहत बकाया कर देनदारियों और पीजीटी के प्रतिस्थापन के रूप में विशेष सड़क कर के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए है. प्रदेश सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 1,60,291 माल वाहक मालिक विशेष रूप से छोटे और बड़े वाहनों के साथ-साथ ट्रैक्टर मालिक भी लाभान्वित होंगे. कोविड-19 महामारी के दौरान इन मालिकों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप पीजीटी देनदारियों में वृद्धि हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण को अपनाते हुए सभी कर देनदारी के मामलों को एक मुश्त निपटाने का निर्णय लिया है. सीएम ने कहा पहले पीजीटी डिफाल्टरों को राज्य सरकार को मूल राशि पर 18 प्रतिशत ब्याज के भुगतान के साथ प्रति तिमाही 100 से 5000 रुपये तक जुर्माना अदा करना पड़ता था. इस छूट से माल वाहक वाहन मालिकों को राहत मिलेगी, वे अपनी कर देनदारियों को नियमित कर दंड और ब्याज को अदा कर फिर से परिसंचालन शुरू कर सकते हैं.
सीएम सुक्खू ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने परिवहन क्षेत्र को सहयोग प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में यह कदम सहायक सिद्ध होगा.
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