धर्मशाला: निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति पेन्पा त्सेरिंग की अध्यक्षता में 16वें कशाग के नेतृत्व ने आधिकारिक तौर पर एक विजन पेपर-सिक्योरिंग लॉन्च किया गया. इस पेपर में कहा गया है कि अगर हम चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदा नीति का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं, तो यह इस धरती से तिब्बती पहचान को खत्म करने की ओर ले जाएगा. सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग ने वरिष्ठ अधिकारियों और सिविल सेवकों की सभा को संबोधित करते हुए कहा की हम धीमी मौत मर रहे हैं. शी-जिनपिंग के नेतृत्व वाली चीनी सरकार ने तिब्बत में तिब्बतियों के चल रहे उत्पीड़न के उत्तरदायित्व से बार-बार इनकार किया है और तिब्बत में सांस्कृतिक नरसंहार की दमनकारी नीति को दण्डमुक्ति के साथ दोहराना जारी रखा है.
सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता की आड़ में चीनी सरकार ने तिब्बत में निगरानी और सूचना नियंत्रण पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए संसाधनों और बलों का व्यापक रूप से दोहन किया है. तिब्बतियों को अक्सर अलगाववादी करार दिया जाता है और मनमानी गिरफ्तारी, गायब होने, कारावास और मृत्यु के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई सेंसरशिप के अलावा, विदेश में तिब्बतियों और विदेशियों दोनों के लिए तिब्बत तक पहुंच अनिश्चित है. निर्वासित तिब्बती प्रशासन के नेतृत्व ने अपनी सभी नीतियों और कार्यक्रमों में तिब्बत के भविष्य को सुरक्षित करने को मजबूती से प्राथमिकता दी है.
सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग ने कहा कि यह सांकेतिक दस्तावेज 16वें कशाग द्वारा पिछले डेढ़ साल के प्रशासन के दौरान दोहराई गई प्रतिबद्धता पर आधारित है. यह दस्तावेज निर्वासन में रह रहे तिब्बती समुदाय की जरूरतों को पूरा करते हुए चीन-तिब्बत संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के मार्ग को गति प्रदान करेगा. जो वर्तमान प्रशासन का प्रमुख जुड़वां मिशन है. उन्होंने कहा कि दस्तावेज चीन में सकारात्मक विकास लाने और इसे एक जिम्मेदार वैश्विक हितधारक में बदलने में तिब्बत के भू-राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालता है.
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