धर्मशाला: तिब्बती समुदाय ने आज धर्मशाला के मैक्लोडगंज में ओलंपिक 2022 की मेजबानी चीन को दिए जाने के विरोध में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और चीन की निंदा करने के लिए एक विरोध मार्च का आयोजन किया.
नुक्कड़ नाटक के जरिए किया विरोध प्रदर्शन
विभिन्न एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने अपने गुस्से और निराशा को दिखाने के लिए धर्मशाला, मैकलोडगंज के मुख्य चौक पर नुक्कड़ नाटक के जरिए अपना विरोध प्रदर्शन किया. तिब्बतियों ने नाटक के माध्यम से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाख का विरोध किया. नाटक के जरिए संदेश देने का प्रयास किया गया कि कैसे शी जिनपिंग और आईओसी अध्यक्ष थॉमस ने तिब्बतियों, ताइवान, उइगर, दक्षिणी मंगोलियाई और हांगकांग के पीड़ितों की उपेक्षा करते हुए हाथ मिलाया है.
ओलंपिक मेजबान को मानवता के खिलाफ बताया
तिब्बती कार्यकर्ताओं का मानना है कि नरसंहार करने वाले देश में खेलों की मेजबानी करना, जातीय सफाई और पेशा इन अपराधों को वैध बनाना है. तिब्बतियों का कहना है कि चीन द्वारा कब्जा किए गए तिब्बतियों और अन्य लोगों की दुर्दशा के बावजूद,आईओसी ने इस तथ्य को अनदेखा किया है और ओलंपिक की मेजबानी के लिए चीन को चुना है.
तिब्बतियों का मानना है कि ओलंपिक मेजबान चीन मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध कर रहा है. तिब्बती युवा कांग्रेस,तिब्बती महिला संघ, मुक्त तिब्बत के लिए छात्र, तिब्बत की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी और तिब्बत के पूर्व राजनीतिक कैदियों के गुचुसम एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया था.
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