धर्मशाला: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. सूबे में भाजपा ने चारों सीट पर अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है. वहीं अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को कांगड़ा-चंबा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.
बता दें कि उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और जिला कांगड़ा से कांग्रेस के 3 मंत्री प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे, लेकिन वह चौधरी चन्द्र कुमार को हार से नहीं बचा पाए थे. बता दें कि जिला कांगड़ा की हर विधानसभा से कांग्रेस हारी थी. कांगड़ा की 13 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 10 सीटें थीं जबकि 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था, लेकिन फिर भी कांग्रेस हार गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शांता कुमार को 4,56,163 वोट मिले थे और कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091वोट पर सिमट गए.
किसको कितना मिला था वोट
चौधरी चन्द्र कुमार अपनी विधानसभा ज्वाली में भी जीत नहीं हासिल कर पाए थे और उन्हें ज्वाली से 46.51 फीसदी मत हासिल हुई थे जबकि भाजपा को 49.44 फीसदी मत हासिल हुई थे. वही भाजपा को ज्वालामुखी से 63.91 और कांग्रेस को 32.89 फीसदी मत हासिल हुए थे. कांगड़ा से भाजपा को 63.04 फीसदी मत तो कांग्रेस को 30.56 फीसदी मत मिले थे. नूरपुर से भजापा को 60.27 फीसदी मत तो कांग्रेस को 35.16 वोट मिले थे.
वहीं, इंदौरा विधानसभा से भाजपा को 54.87 और कांग्रेस को 37.72 फीसदी मत मिले थे. जयसिंहपुर में भाजपा को 54.54 और कांग्रेस को 39.68 फीसदी मत मिले थे. सुलह से भाजपा को 57.25 ओर कांग्रेस को 35.59 फीसदी मत मिले थे. वहीं शाहपुर में भाजपा की विधायक सरवीण चौधरी विधायक थी और भाजपा को 61.93 व कांग्रेस 31.45 फीसदी मत मिले थे. बैजनाथ से भाजपा को 61.93 और कांग्रेस को 30.30 फीसदी मत मिले थे.
मंत्रियों की विधानसभाओं से भी मिली थी हार
वहीं, मंत्रियों की विधानसभाओं से भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि पालमपुर विधानसभा से भाजपा को 59.24 और कांग्रेस को 33.44 फीसदी मत मिले थे. फतेहपुर से भाजपा 55.66 व कांग्रेस को 33.82 फीसदी मत हासिल हुए थे. वहीं, जीएस बाली के गढ़ नगरोटा में भाजपा को 58.07 व कांग्रेस को 36.82 फीसदी मत मिले थे. धर्मशाला से भाजपा को 55.43 और कांग्रेस को 33.39 फीसदी वोट हासिल हुए थे.
सूबे के राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2019 में अभी तक कांग्रेस भाजपा से पीछे चल रहे है. चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. अब यह देखना खास होगा कि कांग्रेस अपनी दावेदारी किस तरह पेश करती है.