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राजनीति के गलियारों से... जब 3 मंत्री और 7 विधायकों के बावजूद कांग्रेस नहीं बचा पाई थी कांगड़ा लोकसभा सीट - बीजेपी हिमाचल

कांगड़ा की 13 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 10 सीटें थीं जबकि 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था, लेकिन फिर भी कांग्रेस हार गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शांता कुमार को 4,56,163 वोट मिले थे और कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091 वोट पर सिमट गए.

कांगड़ा लोकसभा सीट मैप
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Published : Mar 28, 2019, 3:16 PM IST

धर्मशाला: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. सूबे में भाजपा ने चारों सीट पर अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है. वहीं अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को कांगड़ा-चंबा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.

बता दें कि उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और जिला कांगड़ा से कांग्रेस के 3 मंत्री प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे, लेकिन वह चौधरी चन्द्र कुमार को हार से नहीं बचा पाए थे. बता दें कि जिला कांगड़ा की हर विधानसभा से कांग्रेस हारी थी. कांगड़ा की 13 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 10 सीटें थीं जबकि 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था, लेकिन फिर भी कांग्रेस हार गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शांता कुमार को 4,56,163 वोट मिले थे और कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091वोट पर सिमट गए.

kangra loksabha seat
कांगड़ा लोकसभा सीट मैप

किसको कितना मिला था वोट
चौधरी चन्द्र कुमार अपनी विधानसभा ज्वाली में भी जीत नहीं हासिल कर पाए थे और उन्हें ज्वाली से 46.51 फीसदी मत हासिल हुई थे जबकि भाजपा को 49.44 फीसदी मत हासिल हुई थे. वही भाजपा को ज्वालामुखी से 63.91 और कांग्रेस को 32.89 फीसदी मत हासिल हुए थे. कांगड़ा से भाजपा को 63.04 फीसदी मत तो कांग्रेस को 30.56 फीसदी मत मिले थे. नूरपुर से भजापा को 60.27 फीसदी मत तो कांग्रेस को 35.16 वोट मिले थे.

वहीं, इंदौरा विधानसभा से भाजपा को 54.87 और कांग्रेस को 37.72 फीसदी मत मिले थे. जयसिंहपुर में भाजपा को 54.54 और कांग्रेस को 39.68 फीसदी मत मिले थे. सुलह से भाजपा को 57.25 ओर कांग्रेस को 35.59 फीसदी मत मिले थे. वहीं शाहपुर में भाजपा की विधायक सरवीण चौधरी विधायक थी और भाजपा को 61.93 व कांग्रेस 31.45 फीसदी मत मिले थे. बैजनाथ से भाजपा को 61.93 और कांग्रेस को 30.30 फीसदी मत मिले थे.

मंत्रियों की विधानसभाओं से भी मिली थी हार
वहीं, मंत्रियों की विधानसभाओं से भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि पालमपुर विधानसभा से भाजपा को 59.24 और कांग्रेस को 33.44 फीसदी मत मिले थे. फतेहपुर से भाजपा 55.66 व कांग्रेस को 33.82 फीसदी मत हासिल हुए थे. वहीं, जीएस बाली के गढ़ नगरोटा में भाजपा को 58.07 व कांग्रेस को 36.82 फीसदी मत मिले थे. धर्मशाला से भाजपा को 55.43 और कांग्रेस को 33.39 फीसदी वोट हासिल हुए थे.

सूबे के राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2019 में अभी तक कांग्रेस भाजपा से पीछे चल रहे है. चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. अब यह देखना खास होगा कि कांग्रेस अपनी दावेदारी किस तरह पेश करती है.

धर्मशाला: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. सूबे में भाजपा ने चारों सीट पर अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है. वहीं अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को कांगड़ा-चंबा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.

बता दें कि उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और जिला कांगड़ा से कांग्रेस के 3 मंत्री प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे, लेकिन वह चौधरी चन्द्र कुमार को हार से नहीं बचा पाए थे. बता दें कि जिला कांगड़ा की हर विधानसभा से कांग्रेस हारी थी. कांगड़ा की 13 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 10 सीटें थीं जबकि 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था, लेकिन फिर भी कांग्रेस हार गई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शांता कुमार को 4,56,163 वोट मिले थे और कांग्रेस के चंद्र कुमार को 2,86,091वोट पर सिमट गए.

kangra loksabha seat
कांगड़ा लोकसभा सीट मैप

किसको कितना मिला था वोट
चौधरी चन्द्र कुमार अपनी विधानसभा ज्वाली में भी जीत नहीं हासिल कर पाए थे और उन्हें ज्वाली से 46.51 फीसदी मत हासिल हुई थे जबकि भाजपा को 49.44 फीसदी मत हासिल हुई थे. वही भाजपा को ज्वालामुखी से 63.91 और कांग्रेस को 32.89 फीसदी मत हासिल हुए थे. कांगड़ा से भाजपा को 63.04 फीसदी मत तो कांग्रेस को 30.56 फीसदी मत मिले थे. नूरपुर से भजापा को 60.27 फीसदी मत तो कांग्रेस को 35.16 वोट मिले थे.

वहीं, इंदौरा विधानसभा से भाजपा को 54.87 और कांग्रेस को 37.72 फीसदी मत मिले थे. जयसिंहपुर में भाजपा को 54.54 और कांग्रेस को 39.68 फीसदी मत मिले थे. सुलह से भाजपा को 57.25 ओर कांग्रेस को 35.59 फीसदी मत मिले थे. वहीं शाहपुर में भाजपा की विधायक सरवीण चौधरी विधायक थी और भाजपा को 61.93 व कांग्रेस 31.45 फीसदी मत मिले थे. बैजनाथ से भाजपा को 61.93 और कांग्रेस को 30.30 फीसदी मत मिले थे.

मंत्रियों की विधानसभाओं से भी मिली थी हार
वहीं, मंत्रियों की विधानसभाओं से भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि पालमपुर विधानसभा से भाजपा को 59.24 और कांग्रेस को 33.44 फीसदी मत मिले थे. फतेहपुर से भाजपा 55.66 व कांग्रेस को 33.82 फीसदी मत हासिल हुए थे. वहीं, जीएस बाली के गढ़ नगरोटा में भाजपा को 58.07 व कांग्रेस को 36.82 फीसदी मत मिले थे. धर्मशाला से भाजपा को 55.43 और कांग्रेस को 33.39 फीसदी वोट हासिल हुए थे.

सूबे के राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो लोकसभा चुनाव 2019 में अभी तक कांग्रेस भाजपा से पीछे चल रहे है. चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है. अब यह देखना खास होगा कि कांग्रेस अपनी दावेदारी किस तरह पेश करती है.

Intro:धर्मशाला- लोकसभा चुनावों का जैसे ही बिगुल बजा है। हर दल अपनी तैयारियो को लेकर जुटा है वही भाजपा ने इस बार प्रदेश में अपने 4 प्रत्यसियो का एलान कर दिया है। वही कांग्रेस अभी तक अपने चेहरे ही तय नही कर पाई है। वही अगर लोकसभा चुनाव 2014 की बात करे तो कांग्रेस काँगड़ा-चम्बा लोकसभा सीट में बुरी तरह से हारी थी। बता दे कि उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी ओर जिला काँगड़ा से कांग्रेस के 3 मंत्री प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे लेकिन वह चौधरी चन्द्र कुमार को हार से नही बचा पाए थे। बता दे कि जिला काँगड़ा की हर विधानसभा से कांग्रेस हारी थी। काँगड़ा की 13 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 10 सीटे थी जबकि 2 निर्दलीय विधयकों का समर्थन था लेकिन फिर भी कांग्रेस हार गई थी।


Body:वही चौधरी चन्द्र कुमार अपनी विधानसभा ज्वाली में भी जीत नही हासिल कर पाए थे और उन्हें ज्वाली से 46.51 फीसदी मत हासिल हुई थे जबकि भाजपा को 49.44 फीसदी मत हासिल हुई थे। वही भाजपा को ज्वालामुखी से 63.91 ओर कांग्रेस को 32.89फीसदी मत हासिल हुई थे। वही काँगड़ा से भाजपा को 63.04 फीसदी मत तो कांग्रेस को 30.56 फीसदी मत पराप्त हुए थे। वही नूरपुर से भजापा को 60.27 फीसदी मत तो कांग्रेस को 35.16 मत पराप्त हुए थे। इंदौरा विधानसभा से भाजपा को 54.87 ओर कांग्रेस को 37.72 फीसदी मत मिले थे। जयसिंपुर में भाजपा को 54.54ओर कांग्रेस को 39.68 फीसदी मत मिले थे। सुलह से भाजपा को 57.25 ओर कांग्रेस को 35.59 फीसदी मत मिले थे। वही शाहपुर में भाजपा की विधयाक सरवीण चौधरी विधयाक थी और भाजपा को 61.93 व कांग्रेस 31.45 फीसदी मत मिले थे। बेजनाथ से भजापा को 61.93ओर कांग्रेस को 30.30 फीसदी मत मिले थे।


Conclusion:वही मंत्रियो की विधानसभाओ से भी कांग्रेस जीत नही पाई थी बता दे कि पालमपुर विधानसभा से भजापा को 59.24 व कांग्रेस को 33.44 फीसदी मत मिले थे। फतेहपुर से भाजपा 55.66 व कांग्रेस को 33.82फीसदी मत हासिल हुए थे। वही बाली के गढ़ नगरोटा में भाजपा को 58.07 व कांग्रेस को 36.82 फीसदी मत मिले थे। वही धर्मशाला से भाजपा को 55.43 व कांग्रेस को 33.39 फीसदी मत मिले थे।
वही अगर वर्तमान चुनावो की बात करे तो कांग्रेस भाजपा से पीछे ही चल रही है । अभी तक कांग्रेस को अपने उमीदवार ही नही मिले है और वर्तमान में प्रदेश में भाजपा की सरकार है। वही आने वाले समय मे ही पता चलेगा कि कांग्रेस किस तरह से अपनी वापिसी की राह को तलाश करती है।
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