ज्वालामुखी: ज्वालामुखी के एसडीएम कार्यालय से कोरोना काल में कोविड फंड से किराए पर ली गई टैक्सियों की लाखों रुपए की अदायगी कोविड फंड से करने का मामला सामने आया है. एक ओर प्रदेश सरकार ने जहां जनता में अपनी छवि को चमकाने व आम जन तक हर सुविधा पहुंचाने का जिम्मा अधिकारियों के कंधों पर दे रखा है तो वहीं दूसरी ओर अधिकारी जनता के पैसों के दुरुपयोग करके अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं.
मामला उपमंडल ज्वालामुखी के एसडीएम कार्यालय का है. यहां कोरोना काल में कोविड फंड से किराए पर ली गई टैक्सियों की लाखों रुपए की अदायगी सवालों के घेरे में आ गई है. जानकारी के मुताबिक शहर के वरिष्ठ समाजसेवी आरटीआई एक्टिविस्ट सूक्ष्म सूद की ओर से पत्र संख्या क्रमांक 9 में दी गई सूचना में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है.
कोरोना काल में जो भी टैक्सियां एसडीएम कार्यालय ज्वालामुखी ने किराए पर ली उनके लिए कोई भी टेंडर काॅल नहीं किए गए और न ही कोटेशन ली गई. समाचार पत्रों में कोई निविदा ली गई, जबकि लाखों रुपए की अदायगी गई है. इसके अलावा जो टैक्सियां कोरोना काल में किराए पर ली गई उनके ड्राइवरों के नंबर एड्रेस भी आरटीआई में नहीं दिए गए.
जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति ने इस संदर्भ में बताया कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. उन्होंने भरोसा दिया कि जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला आता है तो वह जरूर इस पर कार्रवाई करेंगे.
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