धर्मशाला: जिला कांगड़ा में टीबी के मरीजों की पहचान के लिए 16 से 30 नवंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत जिला में लगभग डेढ़ लाख अति जोखिमपूर्ण आबादी को चिन्हित करके घर-घर स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा वर्कर की टीमें मरीजों की पहचान व इलाज का विशेष अभियान चलाएंगी.
यह अभियान छुट्टी वाले दिन भी जारी रहेगा और बलगम जांच केंद्र खुले रहेंगे. साथ ही कांगड़ा में सीबीनेट मशीनें अतिरिक्त शिफ्टों में चलाई जायेंगी. यह जानकारी सीएमओ जिला कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने धर्मशाला जोनल अस्पताल में आयोजित टीबी मुक्त हिमाचल अभियान की जिला स्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दी.
डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि क्षय रोग को जड़ से उखाड़ने के लिए ये अभियान चलाया जाएगा. टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग के अंतर्गत जिला कांगड़ा में जिन व्यक्तियों को दो सप्ताह से अधिक खांसी, दो सप्ताह से अधिक बुखार, वजन कम होना, बलगम में खून आने, गांठों में सूजन की समस्या हो उनके बलगम के नमूने घर जाकर एकत्रित करके बलगम की फ्री जांच अत्याधुनिक उपकरणों से की जाएगी.
साथ ही जिन लोगों के बलगम के नमूने पॉजिटिव पाए जाएंगे उनका जल्द ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इस काम के लिए जिला के सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुपरवाइजर को प्रशिक्षित किया जाएगा.
वहीं, सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने टीबी को 2022 तक कंट्रोल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत 16 से 30 नवंबर तक टीबी मुक्त हिमाचल अभियान पखवाड़ा चलाया जाएगा, जिसमें घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा वर्कर की टीमें टीबी मरीजों की पहचान करेंगे. इसमें विभिन्न विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा.
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