पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर यह मांग की है कि इस समय की अत्यन्त अनुकूल अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत को दो काम अतिशीघ्र करने चाहिए.
शांता कुमार ने लिखा है कि दलाई लामा जी को भारत रत्न से सम्मानित करें और तिब्बत के विषय को राष्ट्रसंघ में उठाएं. महामना दलाई लामा को विश्व का सबसे बड़ा पुरस्कार नोबल पुरस्कार मिला है. बहुत से अन्य देशों के भी सर्वोच्च पुरस्कार से वे सम्मानित हुए हैं. इस समय दलाई लामा विश्व में सबसे अधिक सम्मानित आध्यात्मिक नेता हैं. भारत को अपना गुरू कहते हैं. उनको सम्मानित करके भारत भी सम्मानित होगा.
शांता कुमार ने कहा कि शान्तिप्रिय और दुनिया को महात्मा बुद्ध का शान्ति का उपदेश देने वाले तिब्बत का नरसंहार 21वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है. 1950 में कांग्रेस सरकार ने एक पाप किया था, जब चीन को तिब्बत पर अधिकार करने दिया. उस समय विश्व के अमेरिका जैसे सबसे बड़े देश यह चाहते थे कि भारत तिब्बत प्रशन को राष्ट्रसंघ में उठाए. उस दौरान प्रबल सर्मथन मिलता तिब्बत बच जाता और भारत की सीमा चीन से कभी नहीं मिलती.
उन्होंने कहा कि चीन पूरी दूनिया के लिए एक संकट बन रहा है. लद्दाख में घुसपैठ कर रहा है. बातचीत सफल नहीं हुई. सेना प्रमुख विपिन सिंह रावत ने युद्ध की आशंका भीजताई है. चीन से सबसे बड़ा खतरा भारत को है. आज चीन पूरे विश्व में अकेला पड़ गया है. अमेरिका जैसे बड़े देश भी उसे एक संकट समझते हैं.
शांता कुमार ने कहा कि 1950 में जो भयंकर भूल हुई थी उसको सुधारने का इतिहास ने आज एक सुनहरा मौका दिया है. भारत की ओर से यह दो कदम उठाने से विश्व में अकेला पड़ा चीन पूरी तरह से बेनकाब हो जाएगा.
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