पालमपुर: हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग में बहुत योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति के लिए बधाई दी है. आयोग में रिटायर्ड मेजर जरनल अतुल कौशिक को अध्यक्ष और प्रो. कमलजीत सिंह को सदस्य के रूप में नियुक्त किया है. शांता कुमार ने इन दोनों को भी इस नियुक्ति के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
उन्होंने कहा कि देव भूमि हिमाचल के माथे पर फर्जी डिग्रियां बिकने का एक कलंक लग चुका है. लाखों की संख्या में फर्जी डिग्रियां कई वर्ष तक बेची जाती रही. यह भी हैरानी की बात है कि सरकार को इस बात का तब पता लगा जब यूजीसी ने हिमाचल सरकार को पत्र लिखा.
शांता कुमार ने कहा कि छोटे से हिमाचल प्रदेश में 20 से अधिक विश्वविद्यालय और कई सौ अन्य निजी संस्थाएं अपने आप में एक बहुत बड़ा घोटाला है. भारत में किसी भी प्रदेश में जनसंख्या की दृष्टि से इतनी अधिक संस्थाएं नहीं है. इन संस्थाओं के बहुत से मालिक शिक्षा देने के लिए नहीं, हिमाचल प्रदेश की भूमि को हड़पने के लिए आये थे.
उस समय हिमाचल में एक भू-माफिया सरकार से यह काम करवाता रहा. हिमाचल में एक जिला में सात विश्वविद्यालय है और एक पंचायत में तीन विश्वविद्यालय है. वहां इतने प्राइमरी स्कूल भी नहीं होंगे. शांता कुमार ने कहा कि कुछ निजी विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने वाली दुकानें हैं. अन्य निजि संस्थानों में भी बहुत कुछ फर्जी है. यहां तक कि स्टाफ भी फर्जी है. सब प्रकार की पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं है.
शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल के हजारों बेरोजगार युवकों से कई लाख रुपये लेकर उन्हें फर्जी डिग्री देकर उनके जीवन को बर्बाद करना एक अपराध ही नहीं महा पाप भी है. जिस पिछले नियामक आयोग के होते हुए भी फर्जी डिग्रियों का यह धंधा होता रहा, उनके खिलाफ भी उच्च न्यायालय के अवकाष प्राप्त न्यायधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग बनना चाहिए.
शांता कुमार ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री जयराम का यह निर्णय बहुत ही सराहनीय लग रहा है. एक बार फिर इन तीनों को बधाई पर पूरी नहीं. पूरी बधाई तो उस दिन दूंगा जिस दिन फर्जी डिग्री बेचने वाली दुकानें बंद होकर यह कलंक का टीका धुल जाएगा.
पढ़ें: कुल्लू अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव आई महिला, गायनी वॉर्ड सील