पालमपुर: कोरोना वायरस के हमले के बीच सीएसआईआर के आईएचबीटी यानि हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ने हानिकारक रसायनों से मुक्त हैंड सेनिटाइजर की तकनीक विकसित कर इसे बाजार में उतारने की तैयारी कर ली है. सीएसआईआर की प्रमाणिकता वाला यह हैंड सेनेटाइजर निश्चित तौर पर जनता के लिए लाभदायक साबित होगा.
इस समय जब पूरी दुनिया हर चीज की खरीददारी में पूरी सजगता बरत रही है. यह उत्पाद काफी अहम माना जा रहा है. कोरोना वायरस के खिलाफ निवारक उपाय और राष्ट्रीय बाजार में बेचे जा रही कई नकली सामग्रियों की खबरों के बीच वास्तविक उत्पाद की मांग में मौजूदा वृद्धि को देखते हुए पालमपुर स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने हैंड सेनेटाइजर तैयार किया है.
सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा विकसित किए गए इस उत्पाद में प्राकृतिक गंध, सक्रिय चाय घटक और एल्कोहल की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार शामिल है. संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि ऐसा देखने में आ रहा है कि कोरोना वायरस हाथों के जारिए अधिक फैलने की संभावना रह रही है.
हाथों का संक्रमण हटाने के लिए पानी और साबुन का इस्तेमाल सबसे उपयुक्त साधन है, लेकिन यह हर जगह उपलब्ध नहीं होता है. जिसके लिए कई कंपनियों ने हैंड सेनिटाइजर बनाए है. हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सेनिटाइजर बनाया है.
बाजार में जो सेनेटाइजर मिल रहे है उनमें पेराबेंस, ट्राइक्लोस्म, सिंथेटिक खुशबू और थेलेटेस जैसे रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है.डॉ. संजय कुमार ने कहा कि आईएचबीटी संस्थान पालमपुर द्वारा तैयार सेनिटाइजर में प्राकृतिक घटकों का प्रयोग किया गया है जिस कारण इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा.
संस्थान के वैज्ञनिक डॉ. अजय राणा ने कहा कि आईएचबीटी द्वारा तैयार सेनिटाइजर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार एल्कोहल की मात्रा रखी गई है और चाय घटक व प्राकृतिक गंध का प्रयोग किया गया है. सेनिटाइजर को सही इस्तेमाल के लिए पहले इसे अपने हाथों पर लगाए जिससे हाथों में जो किटाणु है वह खत्म हो जाएगें.
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