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धर्मशाला में जल्द पूरा होगा रोपवे का कार्य, पर्यटन विभाग ने निर्माण कंपनी को दिया 31 मार्च तक का समय

धर्मशाला घूमने आने वाले टूरिस्ट धर्मशाला की मनमोहक वादियों के साथ रोप-वे का आनंद भी ले सकेंगे. साथ ही अब पर्यटक धर्मशाला बस अड्डे से लेकर मैक्लोडगंज तक का सफर मात्र 9 मिनट में पूरा कर लेंगे. इस रोप-वे के 9 मिनट के सफर के दौरान जहा पर्यटक मैक्लोडगंज, धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा हवाई अड्डे के दृश्य देखने को मिलेगा तो वहीं टूरिस्ट पोंग झील का नजारा भी देख सकेंगे.

Ropeway work will be completed soon in Dharamshala
Ropeway work will be completed soon in Dharamshala
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Published : Mar 3, 2021, 6:13 PM IST

धर्मशाला: पर्यटन नगरी धर्मशाला में कोविड-19 के बाद खुला पर्यटन सीजन कांगड़ा घाटी में घूमने वालों के लिए खास रहने वाला है क्योंकि रोपवे का जो कार्य कोविड-19 की वजह से रुक गया था उस रोप-वे को 31 मई 2021 तक पूरा करने के निर्देश पर्यटन विभाग ने कंपनी को जारी कर दिए है.

मात्र 9 मिनट में पूरा होगा सफर

धर्मशाला घूमने आने वाले टूरिस्ट धर्मशाला की मनमोहक वादियों के साथ रोप-वे का आनंद भी ले सकेंगे. साथ ही अब पर्यटक धर्मशाला बस अड्डे से लेकर मैक्लोडगंज तक का सफर मात्र 9 मिनट में पूरा कर लेंगे. इस रोप-वे के 9 मिनट के सफर के दौरान जहा पर्यटक मैक्लोडगंज, धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा हवाई अड्डे के दृश्य देखने को मिलेगा तो वहीं टूरिस्ट पोंग झील का नजारा भी देख सकेंगे.

15 अप्रैल से शुरू होता है पर्यटन सीजन

धर्मशाला में पर्यटन सीजन मुख्य रूप से 15 अप्रैल से शुरू होता है और लगभग अक्टूबर माह तक चलता है. इस सीजन के दौरान पर्यटक मुख्य रूप से डल झील, भागसूनाग मंदिर, दलाईलामा मंदिर, वाटर फाल, नड्डी सन सेट, क्रिक्रेट स्टेडियम, कुणाल पथरी मंदिर, टी गार्डन, इन्द्रू नाग मंदिर, तपोवन विधानसभा परिसर व पैराग्लाइडिंग की ओर अपना रुख करते थे. लेकिन अब पर्यटक इन स्थानों में घूमने के साथ-साथ रोप-वे का भी आनंद उठा सकेंगे.

144.9 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा तैयार

144.9 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन 1.75 किलोमीटर हवाई दूरी वाले रोपवे का निर्माण कार्य 31 मई को पूरा होगा. रोपवे में 18 से 24 केबिन होंगे और प्रति घंटे एक हजार व्यक्तियों को लाने और ले जाने की क्षमता होगी. इसके साथ ही 1.75 किलोमीटर की दूरी को 9 मिनट में तय किया जा सकेगा.

धर्मशाला बस अड्डे के पास से शुरू होकर यह रोपवे मैक्लोडगंज बौद्ध मंदिर तक बन रहा है. इसका दूसरा छोर बौद्ध मंदिर के पास बन रहा है. 13 टावरों के साथ, यह एक मोनो-केबल डिटैचेबल गोंडोला (केबिन) सिस्टम युक्त रोपवे होगा. धर्मशाला से मैक्लोडगंज की दूरी करीब आठ से दस किलोमीटर है, लेकिन रोपवे बनने से ये सफर 9 मिनट में पूरा होगा. वहीं पर्यटकों को जाम से भी छुटकारा मिलेगा.

कोरोना महामारी की वजह से निर्माण में हुई देरी

धर्मशाला रोपवे की इस परियोजना को कायदे से 30 जून 2020 को पूरा हो जाना था. लेकिन दुर्भाग्य से कोरोना महामारी के कारण इस परियोजना को पूरा करने के एक साल अतिरिक्त समय लग रहा है. 13 फरवरी 2015 को सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसकी प्रक्रिया शुरू हुई. जनवरी 2016 में इस रोपवे का नींव पत्थर रखा गया. एक जून 2017 को वन विभाग से स्वीकृति मिली और 2019 में अंतिम स्वीकृति मिली.

31 मई 2021 को पूरी होगी परियोजना

यह परियोजना 31 मई 2021 को पूरी हो रही है. इस बारे में जानकारी देते हुए उपनिदेशक पर्यटन विभाग धर्मशाला सुनयना का कहा कि इस पर्यटन सीजन में पर्यटकों का स्वागत रोपवे भी करेगा. पर्यटक इस सीजन में रोपवे का लुत्फ उठा सकेंगे. 31 मई 2021 को यह परियोजना पूरी हो रही है. इसके लिए परियोजनाओं में जुटी कंपनी को कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि दी गई है. जून माह से पर्यटक इस रोमांचक सफर का रोपवे में आनंद ले सकेंगे.

ये भी पढ़ें: पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने ली कोरोना वैक्सीन की पहली डोज

धर्मशाला: पर्यटन नगरी धर्मशाला में कोविड-19 के बाद खुला पर्यटन सीजन कांगड़ा घाटी में घूमने वालों के लिए खास रहने वाला है क्योंकि रोपवे का जो कार्य कोविड-19 की वजह से रुक गया था उस रोप-वे को 31 मई 2021 तक पूरा करने के निर्देश पर्यटन विभाग ने कंपनी को जारी कर दिए है.

मात्र 9 मिनट में पूरा होगा सफर

धर्मशाला घूमने आने वाले टूरिस्ट धर्मशाला की मनमोहक वादियों के साथ रोप-वे का आनंद भी ले सकेंगे. साथ ही अब पर्यटक धर्मशाला बस अड्डे से लेकर मैक्लोडगंज तक का सफर मात्र 9 मिनट में पूरा कर लेंगे. इस रोप-वे के 9 मिनट के सफर के दौरान जहा पर्यटक मैक्लोडगंज, धौलाधार पर्वत श्रृंखला और कांगड़ा हवाई अड्डे के दृश्य देखने को मिलेगा तो वहीं टूरिस्ट पोंग झील का नजारा भी देख सकेंगे.

15 अप्रैल से शुरू होता है पर्यटन सीजन

धर्मशाला में पर्यटन सीजन मुख्य रूप से 15 अप्रैल से शुरू होता है और लगभग अक्टूबर माह तक चलता है. इस सीजन के दौरान पर्यटक मुख्य रूप से डल झील, भागसूनाग मंदिर, दलाईलामा मंदिर, वाटर फाल, नड्डी सन सेट, क्रिक्रेट स्टेडियम, कुणाल पथरी मंदिर, टी गार्डन, इन्द्रू नाग मंदिर, तपोवन विधानसभा परिसर व पैराग्लाइडिंग की ओर अपना रुख करते थे. लेकिन अब पर्यटक इन स्थानों में घूमने के साथ-साथ रोप-वे का भी आनंद उठा सकेंगे.

144.9 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा तैयार

144.9 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन 1.75 किलोमीटर हवाई दूरी वाले रोपवे का निर्माण कार्य 31 मई को पूरा होगा. रोपवे में 18 से 24 केबिन होंगे और प्रति घंटे एक हजार व्यक्तियों को लाने और ले जाने की क्षमता होगी. इसके साथ ही 1.75 किलोमीटर की दूरी को 9 मिनट में तय किया जा सकेगा.

धर्मशाला बस अड्डे के पास से शुरू होकर यह रोपवे मैक्लोडगंज बौद्ध मंदिर तक बन रहा है. इसका दूसरा छोर बौद्ध मंदिर के पास बन रहा है. 13 टावरों के साथ, यह एक मोनो-केबल डिटैचेबल गोंडोला (केबिन) सिस्टम युक्त रोपवे होगा. धर्मशाला से मैक्लोडगंज की दूरी करीब आठ से दस किलोमीटर है, लेकिन रोपवे बनने से ये सफर 9 मिनट में पूरा होगा. वहीं पर्यटकों को जाम से भी छुटकारा मिलेगा.

कोरोना महामारी की वजह से निर्माण में हुई देरी

धर्मशाला रोपवे की इस परियोजना को कायदे से 30 जून 2020 को पूरा हो जाना था. लेकिन दुर्भाग्य से कोरोना महामारी के कारण इस परियोजना को पूरा करने के एक साल अतिरिक्त समय लग रहा है. 13 फरवरी 2015 को सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसकी प्रक्रिया शुरू हुई. जनवरी 2016 में इस रोपवे का नींव पत्थर रखा गया. एक जून 2017 को वन विभाग से स्वीकृति मिली और 2019 में अंतिम स्वीकृति मिली.

31 मई 2021 को पूरी होगी परियोजना

यह परियोजना 31 मई 2021 को पूरी हो रही है. इस बारे में जानकारी देते हुए उपनिदेशक पर्यटन विभाग धर्मशाला सुनयना का कहा कि इस पर्यटन सीजन में पर्यटकों का स्वागत रोपवे भी करेगा. पर्यटक इस सीजन में रोपवे का लुत्फ उठा सकेंगे. 31 मई 2021 को यह परियोजना पूरी हो रही है. इसके लिए परियोजनाओं में जुटी कंपनी को कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि दी गई है. जून माह से पर्यटक इस रोमांचक सफर का रोपवे में आनंद ले सकेंगे.

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