धर्मशालाः हिमाचल देश के सभी राज्यों में क्षयरोग उन्मूलन में अव्वल आंका गया है. विश्व में प्रति वर्ष एक करोड़ टीबी के नए मामले सामने आते हैं, जिसमें से एक चौथाई से अधिक भारत में होते है, यह बात जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने जिला कांगड़ा में क्षय रोग निवारण की गति विधियों की समीक्षा बैठक में शिरकत करते हुए कही.
बैठक की अध्यक्षता एडीसी जिला कांगड़ा राघव शर्मा ने की. डॉ. गुलेरी ने कहा कि हिमाचल में वर्ष 2018 में 16648 मामले प्रकाश में आए व 2019 में अब तक 12715 मरीजों की खोज की गई है. इन में से 2634 मामले जिला कांगड़ा के है.
उन्होंने कहा कि बिगड़ी हुई टीबी जिसे एमडीआर टीबी भी कहते हैं. प्रदेश मे इसके 455 मामले सामने आए हैं और इनमें से 79 जिला कांगड़ा से हैं. जिला क्षयरोग अधिकारी कांगडा डॉ. आरके सूद ने बताया कि जिला में आधुनिक जांच सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध हैं.
सीबी नैट की मशीन से 2 घंटे में न केवल टीबी की बीमारी का पता लग जाता है.उन्होंने कहा कि 2 सप्ताह से अधिक खांसी वाले व्यक्ति तुरंत नजदीकी संस्थान मे सम्पर्क करें. मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए 500 रुपये प्रति माह बैंक खातों के माध्यम से दी जा रही है व जिला कांगड़ा मे 86.4 लाख की राशि मरीजों को निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत दी जा चुकी है.
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