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सांसद व विधायक की पेंशन छोड़ेंगे राजन सुशांत, NPS बहाली के लिए DC ऑफिस धर्मशाला में देंगे धरना

पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने अपनी बतौर सांसद और पूर्व विधायक पेंशन छोडने का ऐलान किया है. वहीं, न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आए लाखों कर्मियों के हितों को देखते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए डॉ. राजन सुशांत पांच सितंबर को जिला मुख्यालय धर्मशाला में डीसी कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना देंगे और एनपीएस कर्मियों के हितों की आवाज को बुलंद करेंगे.

राजन सुशांत
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Published : Aug 31, 2020, 10:01 PM IST

धर्मशाला: पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने अपनी बतौर सांसद और पूर्व विधायक पेंशन छोड़ने का ऐलान किया है. वहीं, न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आए लाखों कर्मियों के हितों को देखते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए डॉ. राजन सुशांत पांच सितंबर को जिला मुख्यालय धर्मशाला में डीसी कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना देंगे और एनपीएस कर्मियों के हितों की आवाज को बुलंद करेंगे.

सोमवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में डॉ. राजन सुशांत ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए वह आंदोलन करने जा रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न राजनीतिक दलों, सभी कर्मचारी संगठनों से समर्थन का आहवान किया है.

वीडियो.

राजन सुशांत ने कहा कि इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को डीसी कांगड़ा के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र भेजा है, जिसमें एनपीएस कर्मियों की मांग को उठाया गया है. राजन सुशांत ने कहा कि प्रदेश में दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से 90 हजार से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं, जोकि एनपीएस के तहत आते हैं. एनपीएस के तहत लिए गए कर्मियों को उनके अंतिम वेतन की पांच फीसदी पेंशन दी जा रही है, जबकि पुरानी पेंशन ले रहे कर्मियों को एनपीएस कर्मियों से 50 गुणा अधिक पेंशन दी जा रही है.

डॉ. राजन सुशांत ने पीएम को पत्र में लिखा है कि एक संविधान, एक विधान के नियम को कर्मचारियों पर भी लागू किया जाए. यही नहीं जब से एनपीएस लागू की गई है, उसी अवधि से इसे सांसदों व विधायकों पर भी लागू किया जाए और उन्हें भी एनपीएस कर्मियों की तर्ज पर ही पेंशन दी जाए. डॉ. राजन सुशांत ने कहा कि भाजपा सरकारें कर्मचारी विरोधी रही हैं और कांग्रेस भी इससे पीछे नहीं है. देश में अकेले वेस्ट बंगाल में ममता बैनर्जी की सरकार है, जिसने एनपीएस को लागू नहीं किया है.

पढ़ें: हिमाचल में 5 पंचायतों के लिए बनेगा एक मिनी स्टेडियम, खेलों में युवाओं को मौका देगी सरकार

धर्मशाला: पूर्व सांसद डॉ. राजन सुशांत ने अपनी बतौर सांसद और पूर्व विधायक पेंशन छोड़ने का ऐलान किया है. वहीं, न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आए लाखों कर्मियों के हितों को देखते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए डॉ. राजन सुशांत पांच सितंबर को जिला मुख्यालय धर्मशाला में डीसी कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना देंगे और एनपीएस कर्मियों के हितों की आवाज को बुलंद करेंगे.

सोमवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में डॉ. राजन सुशांत ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए वह आंदोलन करने जा रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न राजनीतिक दलों, सभी कर्मचारी संगठनों से समर्थन का आहवान किया है.

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राजन सुशांत ने कहा कि इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को डीसी कांगड़ा के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र भेजा है, जिसमें एनपीएस कर्मियों की मांग को उठाया गया है. राजन सुशांत ने कहा कि प्रदेश में दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से 90 हजार से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं, जोकि एनपीएस के तहत आते हैं. एनपीएस के तहत लिए गए कर्मियों को उनके अंतिम वेतन की पांच फीसदी पेंशन दी जा रही है, जबकि पुरानी पेंशन ले रहे कर्मियों को एनपीएस कर्मियों से 50 गुणा अधिक पेंशन दी जा रही है.

डॉ. राजन सुशांत ने पीएम को पत्र में लिखा है कि एक संविधान, एक विधान के नियम को कर्मचारियों पर भी लागू किया जाए. यही नहीं जब से एनपीएस लागू की गई है, उसी अवधि से इसे सांसदों व विधायकों पर भी लागू किया जाए और उन्हें भी एनपीएस कर्मियों की तर्ज पर ही पेंशन दी जाए. डॉ. राजन सुशांत ने कहा कि भाजपा सरकारें कर्मचारी विरोधी रही हैं और कांग्रेस भी इससे पीछे नहीं है. देश में अकेले वेस्ट बंगाल में ममता बैनर्जी की सरकार है, जिसने एनपीएस को लागू नहीं किया है.

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