ETV Bharat / state

PWD की कार्यप्रणाली पर सवाल, भवन निर्माण के बाद भी डॉक्टरों को आवंटित नहीं हुए सरकारी आवास - ज्वालामुखी में लोक निर्माण विभाग

ज्वालामुखी में लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल खड़े किए है. अस्पताल के नजदीक डॉक्टरों के रहने के लिए गए बनाए गए आवासीय कमरें अभी तक विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन को नहीं दिए गए हैं. भवनों की हालत दिन-प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. आलम यह है कि आवारा पशुओं ने भवनों के नीचे अपना आशियाना बना लिया है.

functioning of Jwalamukhi PWD
PWD की कार्यप्रणाली पर सवाल.
author img

By

Published : Dec 29, 2019, 9:13 PM IST

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी में लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल खड़े किए है. बता दें कि अस्पताल के नजदीक डॉक्टरों के रहने के लिए गए बनाए गए आवासीय कमरें अभी तक विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन को नहीं दिए गए हैं.

ऐसे में देखरेख के अभाव के चलते भवनों की हालत दिन-प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. आलम यह है कि आवारा पशुओं ने भवनों के नीचे अपना आशियाना बना लिया है. बीते 2 साल से धूल फांक रही भवन को पीडब्ल्यूडी विभाग ने अभी तक अस्पताल प्रबंधन को नही सौंपा है, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

बीते कुछ महीने पहले अस्पताल के नए भवन के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक सहित अन्य अधिकारियों ने उक्त जगह का जायजा लिया था. स्थानीय लोगों की ओर से डॉक्टरों के आवासीय कमरों को लेकर उठाए सवाल पर विधायक रमेश धवाला ने आश्वाशन दिया था कि जल्द ही सारा भवन अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

भवनों के आवंटित होने के बाद ये मिलेगी सुविधा

बता दें कि अस्पताल के पास इन भवनों को बनाने का मुख्य लक्ष्य यही था कि आपातकालीन स्थिती में भी मरीजों को 24 घंटे डॉक्टरों की सुविधा मिल सके. लेकिन पीडब्लूडी विभाग की लापरवाही के चलते डॉक्टरों को मजबूरन किराए के कमरे में रहना पड़ रहा है.

मामले पर क्या कहते हैं एसडीएम


इस मामले को लेकर एसडीएम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने कहा जानकारी के अनुसार अभी लोक निर्माण विभाग ने यह भवन ज्वालाजी अस्पताल प्रबंधन के अधीन नहीं किए हैं. उन्होंने कहा का भवन में कुछ काम बचा है, जिसे जल्द ही पूरा कर अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिए जाएंगे.

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी में लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर लोगों ने सवाल खड़े किए है. बता दें कि अस्पताल के नजदीक डॉक्टरों के रहने के लिए गए बनाए गए आवासीय कमरें अभी तक विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन को नहीं दिए गए हैं.

ऐसे में देखरेख के अभाव के चलते भवनों की हालत दिन-प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है. आलम यह है कि आवारा पशुओं ने भवनों के नीचे अपना आशियाना बना लिया है. बीते 2 साल से धूल फांक रही भवन को पीडब्ल्यूडी विभाग ने अभी तक अस्पताल प्रबंधन को नही सौंपा है, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

बीते कुछ महीने पहले अस्पताल के नए भवन के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक सहित अन्य अधिकारियों ने उक्त जगह का जायजा लिया था. स्थानीय लोगों की ओर से डॉक्टरों के आवासीय कमरों को लेकर उठाए सवाल पर विधायक रमेश धवाला ने आश्वाशन दिया था कि जल्द ही सारा भवन अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

भवनों के आवंटित होने के बाद ये मिलेगी सुविधा

बता दें कि अस्पताल के पास इन भवनों को बनाने का मुख्य लक्ष्य यही था कि आपातकालीन स्थिती में भी मरीजों को 24 घंटे डॉक्टरों की सुविधा मिल सके. लेकिन पीडब्लूडी विभाग की लापरवाही के चलते डॉक्टरों को मजबूरन किराए के कमरे में रहना पड़ रहा है.

मामले पर क्या कहते हैं एसडीएम


इस मामले को लेकर एसडीएम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने कहा जानकारी के अनुसार अभी लोक निर्माण विभाग ने यह भवन ज्वालाजी अस्पताल प्रबंधन के अधीन नहीं किए हैं. उन्होंने कहा का भवन में कुछ काम बचा है, जिसे जल्द ही पूरा कर अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिए जाएंगे.

Intro:2 सालों से धूल फांक रहे ज्वालाजी अस्पताल में बने डॉक्टरों के आवासीय कमरें, नही हुए आवंटित

विल्ड़िंग का काम पूरा होने के बाबजूद पी डब्ल्यू डी विभाग ने नही सौंपे अस्पताल प्रसाशन को आवासीय कमरें
देखरेख के अभाव में भवनों की दयनीय हो रही हालात, आवारा पशुओं ने बनाया रहने का आशियानाBody:
ज्वालामुखी, 25 दिसम्बर (नितेश): ज्वालामुखी अस्पताल के साथ डॉक्टरों के रहने को बनाए गए आवासीय कमरें अभी तक अस्पताल प्रबंधन के अधीन पी डब्ल्यू डी विभाग द्वारा नही गए हैं हैं, ऐसे में देखरेख के अभाव के चलते उक्त भवनों की हालत दिन प्रतिदिन जर्जर होती जा रही है। आलम ये है कि अब आवारा पशुओं ने इन भवनों के नीचे अपना आशियाना बना लिया है ओर यहां चारों ओर गंदगी के आलम है। बीते 2 साल से धूल फांक रही विल्ड़िंग को पी डब्ल्यू डी विभाग द्वारा अभी तक अस्पताल प्रबंधन को कयूं नही सौंपा गया, इस पर भी कई तरह के सवालिया निशान विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े हो रहे हैं।
हालांकि बीते कुछ महीने पहले अस्पताल के नए भवन के निर्माण को लेकर जब स्थानीय विधायक सहित अन्य अधिकारियों ने उक्त जगह का जायजा लिया था, तो स्थानीय लोगों द्वारा डॉक्टरों के आवासीय कमरों को लेकर उठाये गए सवाल पर विधायक रमेश धवाला ने आश्वाशन दिया था कि जल्द ही सारे भवन अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्रवायी अमल में नही लाई गई है। अव्यवस्था का आलम ये है की भवन तैयार होते हुए भी डॉक्टरों को नही मिल पा रहे और वह किराए के कमरों में रहने को मजबूर हैं।
इधर, विल्ड़िंग की देखरेख न होने के चलते इसकी हालात दिन प्रतिदिन ओर खराब होती जा रही है म विल्ड़िंग में किया गया सीमेंट उखड़कर नीचे गिर रहा है वही भवनों में किया गया पेंट भी पूरी तरह से खराब हो चुका है। थोड़े समय तक ये भवन यदि अस्पताल प्रबंधन को नही सौंपे जाते हैं तो ये कहीं खंडहर में तब्दील न हो जाए इस बात को भी नही नकारा जा सकता।




भवनों के आवंटित होने के बाद ये मिलेगी सुविधा
बता दें कि अस्पताल के पास इन भवनों को बनाने का मुख्य लक्ष्य यही था कि आपातकालीन स्तिथि में भी यहां पहुंच रहे मरीजों को 24 घण्टे डॉक्टरों की सुविधा मिल सके। अस्पताल के पास ही डॉक्टरों के आशियाने होंगे तो डॉक्टर यहां देर रात भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं, ऐसे में इन भवनों का निर्माण करवाया गया था, लेकिन प्रसाशन के ढुलमुल रवैये के चलते अभी तक ये भवन डॉक्टरों को नही मिल पाए हैं, जिसको लेकर लोगों में भी काफी रोष देखने को मिल रहा है।


Conclusion:बाइट
मामले पर क्या कहते एस डी एम
इस मामले को लेकर एस डी एम ज्वालाजी अंकुश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है अभी लोक निर्माण विभाग ने यह भवन ज्वालाजी अस्पताल प्रबंधन के अधीन नही किए हैं। उन्होंने कहा कि भवनों को लेकर थोड़ा बहुत काम बचा है जिसे लेकर कार्य भी जोरों पर चला हुआ है, ऐसे में ये कार्य पूरा होने के बाद उन्हें उम्मीद है कि ये जल्द ही भवन अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिए जाएंगे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.