धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं कक्षा का रिजल्ट बनाने के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. इसके लिए दसवीं कक्षा में हिंदी के पेपर का मूल्यांकन परीक्षा केंद्रों के प्रिंसिपल करवाएंगे. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड हिंदी के पेपर के मूल्यांकन का जिम्मा परीक्षा केंद्रों के प्रिंसिपल को देने की तैयारी कर रहा है. यह प्रिंसिपल कुछ स्कूलों का चयन करेंगे जहां पर हिंदी के पेपर का मूल्यांकन होगा. वहीं 12वीं कक्षा में हुए एक मात्र अंग्रेजी के पेपर के मूल्यांकन का निर्णय बोर्ड अभी तक नहीं कर पाया है.
परीक्षा मूल्यांकन के लिए बनेंगी कमेटियां
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अभी सीबीएसई के क्राइटेरिया का इंतजार कर रहा है. स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से 246 कलेक्शन केंद्र बनाए गए थे. जानकारी के अनुसार दसवीं के परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए प्री.बोर्ड, फस्ट टर्म, सेकंड टर्म, इंटरनल असेस्मेंट, एक मात्र हुए पेपर के अंक सहित अन्य मानकों को शामिल किया जाएगा. इसके चलते स्कूल शिक्षा बोर्ड दसवीं के हिंदी के पेपर का मूल्यांकन करवाएगा. बताते चलें कि गत वर्ष कोरोना के कारण आंसरशीट का मूल्यांकन अध्यापकों ने अपने घरों में किया गया था. स्कूल शिक्षा बोर्ड की मानें तो रिजल्ट मंगवाने के लिए प्रत्येक स्कूल में कमेटियां बनेंगी. इन कमेटियों में रिजल्ट टेबुलेशन कमेटी, डेटा एंट्री कमेटी और रिजल्ट टेबुलेशन वेरिफिकेशन कमेटी सहित अन्य शामिल हैं. डेटा एंट्री कमेटी रिजल्ट टेबुलेशन कमेटी के हेड के अंदर बनेगी.
परीक्षा केंद्रों के प्रिंसिपल को मिलेगी जिम्मेदारी
रिजल्ट टेबुलेशन वेरिफिकेशन कमेटी में सीनियर प्रिंसिपल होंगे और कुछ टीजीटी शामिल होंगे. यह रिकार्ड को वेरीफाई करेंगे कि स्कूल द्वारा रिकॉर्ड की सही से एंट्री हुई है या नहीं. स्कूल डेटा को ऑनलाइन बोर्ड को भेजेंगे और ऑफलाइन अपने स्कूल में रखेंगे. उक्त रिकॉर्ड की हार्ड कॉपी स्कूल शिक्षा बोर्ड के कार्यालय को भेजनी होगी. यदि बोर्ड को शिकायत प्राप्त हुई कि डेटा से छेड़छाड़ हुई है तो बोर्ड उस रिकॉर्ड को चेक भी करेगा. रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित कमेटी जिम्मेदार होगी. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डाॅक्टर सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि दसवीं कक्षा के हिंदी के पेपर की चेकिंग करवाने की जिम्मेदारी परीक्षा केंद्रों के प्रिंसिपल को दी जाएगी. स्कूलों में कई कमेटियों का गठन किया जाएगा.
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