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'बाढ़ के लिए प्रशासन जिम्मेदार, लापरवाही नहीं बरतते तो कम होता नुकसान' - Sarveen Choudhary

रजोल गांव के कई घर, गौशालाएं और अन्य सामान बाढ़ में बह गया है. गांव वासियों का कहना है कि प्रशासन की नाकामी के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि गांव वासियों की तरफ से पहले ही प्रशासन को चेताया गया था कि गज खड्ड के पानी को मोड़ कर दूसरी ओर किया जाए, इससे बाढ़ जैसी स्थिति में गांव को कम नुकसान होगा लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया.

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Published : Jul 13, 2021, 2:59 PM IST

धर्मशाला: शाहपुर विधानसभा के रजोल गांव में अचानक बाढ़ आ जाने के कारण काफी नुकसान हुआ है. अब राजोल गांव के ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर एनएच 154 पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्ष पहले भी उन्होंने प्रशासन से यह गुहार लगाई थी कि अगर गांव में बाढ़ जैसी स्थिति आती है तो खासकर रजोल गांव को इसका काफी नुकसान होगा.

ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन के लापरवाह रवैये के चलते गांव वासियों की मांग को पूरा नहीं किया गया और अब जब बाढ़ उनके गांव में आई है तो हर तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है. रजोल गांव के कई घर, गौशालाएं और अन्य सामान इस बाढ़ में बह गए हैं. गांव वासियों का कहना है कि प्रशासन की नाकामी के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि गांव वासियों की तरफ से पहले ही प्रशासन को चेताया गया था कि गज खड्ड के पानी को मोड़ कर दूसरी ओर किया जाए, इससे बाढ़ जैसी स्थिति में गांव को कम नुकसान होगा लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया.

आज गंव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस मौके पर शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी भी पहुंचीं और उन्होंने भी स्थिति का जायजा लिया. इस अवसर पर सरवीण चौधरी द्वारा गांव के लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का भी आश्वासन दिया गया. सरवीण चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से लोगों को जल्द ही फौरी राहत भी प्रदान की जाएगी ताकि लोगों को इस मुश्किल वक्त में कुछ राहत प्रदान की जा सके.

वीडियो.

ये भी पढ़ें: पांवटा: गिरी नदी से लोगों को किया गया रेस्क्यू, जलस्तर बढ़ने से मवेशियों सहित टापू पर फंसा था परिवार

धर्मशाला: शाहपुर विधानसभा के रजोल गांव में अचानक बाढ़ आ जाने के कारण काफी नुकसान हुआ है. अब राजोल गांव के ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर एनएच 154 पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्ष पहले भी उन्होंने प्रशासन से यह गुहार लगाई थी कि अगर गांव में बाढ़ जैसी स्थिति आती है तो खासकर रजोल गांव को इसका काफी नुकसान होगा.

ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन के लापरवाह रवैये के चलते गांव वासियों की मांग को पूरा नहीं किया गया और अब जब बाढ़ उनके गांव में आई है तो हर तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है. रजोल गांव के कई घर, गौशालाएं और अन्य सामान इस बाढ़ में बह गए हैं. गांव वासियों का कहना है कि प्रशासन की नाकामी के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि गांव वासियों की तरफ से पहले ही प्रशासन को चेताया गया था कि गज खड्ड के पानी को मोड़ कर दूसरी ओर किया जाए, इससे बाढ़ जैसी स्थिति में गांव को कम नुकसान होगा लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया.

आज गंव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस मौके पर शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी भी पहुंचीं और उन्होंने भी स्थिति का जायजा लिया. इस अवसर पर सरवीण चौधरी द्वारा गांव के लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का भी आश्वासन दिया गया. सरवीण चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से लोगों को जल्द ही फौरी राहत भी प्रदान की जाएगी ताकि लोगों को इस मुश्किल वक्त में कुछ राहत प्रदान की जा सके.

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