धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश अपनी दैवीय परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है. कांगड़ा जिला भी अपनी दैवीय परंपराओं के लिए खास तौर पर जाना जाता है. कांगड़ा जिले में मिनी मणिमहेश के नाम से विख्यात धर्मशाला के नड्डी स्थित डल झील में पवित्र स्नान की तिथि सामने आ गई है. इस बार डल झील में पवित्र स्नान 22-23 सितंबर को होगा. पंचांग के अनुसार इस बार का स्नान ठंडा स्नान होगा. पहले जहां लीकेज की वजह से डल लेक में पानी ठहरता नहीं था तो इस बार लेक पानी से भरी हुई है.
डल लेक में ठंडा स्नान: डल झील स्थित दुर्वेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी सुभाष शर्मा ने बताया कि 22-23 सितंबर को डल लेक में पवित्र स्नान होगा. इस बार स्नान ठंडा स्नान होगा. पंचांग के अनुसार भाद्र के 20 प्रविष्टे के बाद आने वाला डल लेक में स्नान ठंडा स्नान कहलाता है. जबकि भाद्र के 20 प्रविष्टे से पहले आने वाला डल स्नान गर्म स्नान कहलाता है. इस बार भी डल स्नान 20 प्रविष्टे के बाद आ रहा है, इसलिए ये स्नान ठंडा स्नान होगा.
मणिमहेश के समान स्नान का मिलता है फल: गौरतलब है कि जो लोग जिला चंबा स्थित मणिमहेश में स्नान के लिए नहीं जा पाते हैं, वो श्रद्धालु धर्मशाला के नड्डी स्थित डल झील में स्नान करके मणिमहेश के समान पवित्र स्नान का पुण्य फल प्राप्त करते हैं. ठंडा स्नान होने के बावजूद पवित्र स्नान पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
राजस्थान की मिट्टी से लीकेज की बंद: पुजारी सुभाष शर्मा ने बताया कि कुछ सालों पहले लीकेज की वजह से झील में पानी नहीं रुकता था. जिस पर प्रशासन द्वारा राजस्थान की ओर से लाई गई मिट्टी से लीकेज को बंद किया गया और अब झील में पानी का रिसाव रुक गया है. वर्तमान में डल झील हरी-भरी है. अब जो लोग यहां आ रहे हैं, उनका भी यही कहना है कि पहले यहां झील रिसाव की वजह से खाली होती थी, लेकिन इस बार झील में काफी पानी है.
ओवरफ्लो हो रहा डल लेक का पानी: पूर्व के सालों में बरसात के दौरान झील में पानी आता तो था, लेकिन लीकेज की वजह से ठहरता नहीं था. इस बार बरसात से पहले भी झील में काफी पानी था और बरसात में तो झील में पानी ओवरफ्लो हो रहा है. इस बार डल लेक में पवित्र स्नान के लिए पर्याप्त पानी है.
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