धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला के विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों की संस्तुति करने पर एमएलए व एमपी को पैसा भी देना होगा. निगम के बजट से केवल नगर पार्षदों की संस्तुति पर ही विकास कार्यों पर खर्च किए जाएगा. ये निर्णय नगर निगम धर्मशाला ने लिया.
निगम प्रशासन का कहना है कि एमएलए के पास विधायक निधि और एमपी के पास सांसद निधि होती है. इसके बावजूद कई बार एमएलए और एमपी नगर निगम के विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों की संस्तुति तो कर देते हैं, लेकिन उसके लिए राशि का प्रावधान नहीं करते. ऐसे में निगम को एमएलए व एमपी की संस्तुति वाले कार्यों के मूर्तरूप प्रदान करने में दिक्कतें पेश आती हैं. ऐसे में निगम ने अब एमएलए व एमपी की संस्तुति वाले कार्यों के लिए राशि भी उपलब्ध करवाने की बात कही है.
ये भी पढ़ें-हिमाचल के किले: देश की सबसे पुरानी धरोहर कांगड़ा किला, महाभारत में भी है इसका उल्लेख
जानकारी के अनुसार, एक एमपी को प्रतिवर्ष सांसद निधि के रूप में 5 करोड़ मिलते हैं. वहीं एमएलए को विधायक निधि के रूप में 1.50 करोड़ मिलते हैं. निगम प्रशासन का कहना है कि ऐसे में एमएलए और एमपी अपनी विधायक व सांसद निधि से संस्तुति किए कार्यों के लिए राशि का प्रावधान भी कर सकते हैं.
नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने बताया कि हाल ही में आयोजित नगर निगम की बैठक में सभी पार्षदों ने निर्णय लिया है कि एमएलए और एमपी द्वारा नगर निगम में जिन कार्यों की संस्तुति की जाएगी, उसके लिए माननीयों को बजट भी उपलब्ध करवाना होगा. नगर निगम का जो बजट होता है, उससे निगम पार्षदों की संस्तुति पर ही विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा.
ये भी पढ़ें-अद्भुत हिमाचल: गद्दी समुदाय की है एक अलग पहचान, आज भी संजोए हुए हैं अपनी कला और संस्कृति