पालमपुर: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीसीए) को शहीदों के परिजनों ने देशहित में बताया है. कारगिल युद्ध में शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉक्टर एनके कालिया ने कहा कि जो लोग सीसीए पर विरोध कर रहे हैं उन्होंने इस कानून को अच्छी तरह पढ़ा ही नहीं. अगर पढ़ा भी है तो उसको अच्छी तरह समझा नहीं है. उन्होंने कहा कि ये कानून देशहित के लिए है. दुनिया में ऐसा कौन सा देश है जो घुसपैठियों को अपने देश में है रहने देता है.
डॉक्टर एनके कालिया ने कहा कि दुनिया के सभी देश घुसपैठियों को अवैध रूप से आने पर उनको निकालने की हर संभव कोशिश करते हैं. सीसीए में कहीं नहीं लिखा है कि भारतीय लोगों को देश से बाहर करेंगे चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो. डॉक्टर एनके कालिया ने कहा सीसीए पर राजनीतिक दल राजनीति की रोटियां सेक रहे हैं. सीसीए कानून देशहित में है जो देश के संसाधन है वह भारतवासियों के लिए हैं और लोग अवैध रूप से भारत में आए हैं उनके लिए नहीं है.
कारगिल युद्ध के नायक परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरधारी लाल बत्रा का मानना है कि इसमें विरोध करने वाली कोई बात आती नहीं है, क्योंकि जो अल्पसंख्यक लोग पड़ोसी देशों में धर्म के आधार पर सताए होते हैं उनको ये कानून नागरिकता देने वाला है, लेकिन जो लोग गलत तरीके से घुसपैठ करते हैं उन लोगों को कबूल नहीं किया जा सकता. सीसीए का विरोध करने का कोई औचित्य नहीं है. हमारे भारतीय मुस्लिम जो यहां पर काफी समय से रह रहे हैं और नागरिकता प्राप्त है उनको तो इसमें डरने वाली कोई बात नहीं है.
गिरधारी लाल बत्रा ने कहा कि भारतीय मुस्लिमों को समझना चाहिए कि भारत सरकार जो कदम उठा रही है वे उनके लिए हैं जो गैर कानूनी तरीके से हमारे देश में प्रवेश कर रहे हैं, ताकि उन पर हम रोक लगा सकें. इस प्रकार से घुसपैठ को बंद किया जा सकता है. गिरधारी लाल बतरा ने सीसीए विरोध कर रहे लोगों से अपील की है कि इस तरह विरोध ना करें.
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