ज्वालामुखी/कांगड़ा: ज्वालामुखी की गुम्मर पंचायत के कुलदीप ने अपने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को जारी रखने के लिए गाय बेच दी. कोरोना के चलते इन दिनों सभी शिक्षण संस्थान बंद है, जिसके चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है. वहीं, कुलदीप के पास स्मार्टफोन न होने के चलते बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. इसलिए उन्होंने एक गाय को महज 6 हजार रुपये में बेच दिया.
जानकारी के अनुसार कुलदीप का परिवार दो बच्चों के साथ गौशाला के एक कमरे में तिरपाल लगाकर रहता है. गरीबी की मार झेल रहे कुलदीप की रीड की हड्डी में दिक्कत के चलते दिहाड़ी नहीं लगा पाता. इसलिए परिवार के पास आमदनी का कोई साधन नहीं है. इसके कारण ये परिवार पशुधन से ही जैसे तैसे गुजर बसर कर रहा है.
ऐसे में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए कुलदीप ने गाय को 6 हजार रुपये में बेच दिया. इन पैसों से उन्होंने एक फोन लिया है, जिससे की बच्चों की पढ़ाई हो रही है.
अब बच्चे रोज स्कूल का कर रहे काम
कुलदीप के दोनों बच्चे अनु और वंश चौथी और दूसरी क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई के चलते कुछ समय तक इन बच्चों ने पड़ोस के बच्चों के घर जाकर पढ़ाई की, लेकिन ऐसा कितनों दिनों तक चलता. इसलिए कुलदीप ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए गाय को ही बेच दिया.अब बच्चे हर रोज अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.
कुलदीप बताते हैं कि बच्चे दूध के बगैर रह सकते हैं, लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ सकते. बच्चों की पढ़ाई छूटने पर उनकी जिंदगी बर्बादी की ओर चल पड़ेगी. इसलिए उन्होंने गाय को ही बेच दिया.
कुलदीप ने पंचायत पर आरोप लगाया कि गरीब होने के बावजूद उनका बीपीएल से नाम काट दिया गया. उन्होंने कहा कि कि अपने परिवार के साथ गौशाला के एक कमरे में रह रहा हूं. साथ ही यहां दूसरी गौशाला में बाकि पशुओं को रखा है. इसलिए प्रशासन से आग्रह है कि उनकी इस हालत को देखते हुए कुछ मदद करें.
बीपीएल में नहीं है उक्त परिवार
सरकार के निर्देशों के तहत कम से कम 20 दिन मनरेगा में कार्यरत होना जरूरी है. ऐसे ही लोगों को बीपीएल सूची में रखा जाएगा, जो परिवार पंचायत में काम नहीं करते हैं उन्हें सरकार के आदेशों के तहत ही बीपीएल सूची से हटाया जा रहा है. इसलिए कुलदीप का परिवार भी बीपीएल की सूची में नहीं है.
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