कांगड़ाः अवसरवादिता की राजनीति क्या होती है यह अगर किसी ने कर दिखाया है तो वो है सुखराम परिवार. पूर्व राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री कृपाल परमार ने कहा कि दल बदल की राजनीति से सिरमौर अगर कोई रहे हैं तो वो सुखराम रहे हैं.
कृपाल परमार ने कहा कि सुखराम ने ही दल बदल की राजनीती का शुभारंभ किया था और वहीं इसका समापन करेंगे. परमार ने कहा इस परिवार को कभी कांग्रेस पार्टी में घुटन होती थी तो कभी भाजपा में, ऐसे में मेरी इस परिवार को सलाह है कि वो अपना ईसीजी कराएं. परमार ने कहा कि अनिल शर्मा ने जो मंत्री पद से इस्तीफा देकर अपने पुत्र के साथ जाने का संकेत दिया है वो उनका राजनितिक क्षेत्र में किया हुआ सबसे बड़ा आत्मघाती पग होगा.
कृपाल परमार ने कहा कि आज सुखराम के पुत्र ने अपना मंत्री पद खोया है, कल वो विधानसभा की सदस्यता खोएगा. वहीं उनका पोता लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेगा. उन्होंने कहा कि इसी के साथ सुखराम के परिवार का राजनितिक अंत होगा.
परमार ने कहा कि सुखराम को तीन साल की सजा हुई थी और आज वो पौत्र मोह में पूरे परिवार की राजनीति का अंत करने पर तुले हैं. इस अवसर पर उनके साथ नूरपुर के विधायक भी उपस्थित रहे.