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चीन में कोरोना का मात देकर घर पहुंचा कांगड़ा का रिसर्चर, बयां की वुहान की पूरी कहानी

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Published : Mar 28, 2020, 2:41 PM IST

Updated : Mar 28, 2020, 9:13 PM IST

वुहान से अपने घर लौटे वैक्सीन रिसर्चर ने कोरोना वायरस को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना वायरस को लेकर काफी गंभीर है और अच्छा काम कर रही है. उन्होंने लोगों से अपने घरों में रहने की अपील भी की है.

Corona virus infection
आईटीबीपी कैंप से साइन ऑफ करने के बाद सोम दत्त.

कांगड़ा: कोरोना वायरस के संक्रमण को मात देते हुए चीन में काम करने वाला 36 वर्षीय एक वैक्सीन रिसर्चर वुहान से अपने घर हिमाचल प्रदेश पहुंचा है. पेशे से वैक्सीन रिसर्चर सोम दत्त वुहान में एक अपार्टमेंट में 36 दिनों तक बंद रहे.

इसके बाद जब सोम दत्त भारत लौट तो वह 16 दिनों तक दिल्ली में क्वारंटाइन में रहे और आखिर में वह अपने घर कांगड़ा पहुंचकर 11 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहे. दत्त, एक वैक्सीन रिसर्चर के तौर पर चीन में एक कंपनी के साथ काम करते हैं.

यह कंपनी वैक्सीन पर रिसर्च करती है. वह साढ़े तीन साल पहले वुहान गए थे और गुआंगू स्क्वायर में दो कमरों के अपार्टमेंट में रहते हैं. सोम दत्त ने ईटीवी से अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि 10 जनवरी को स्थानीय अधिकारियों ने सभी निवासियों को मास्क पहनने के लिए कहा था.

कोरोना वायरस एक नई तरह का वायरस था और कोई भी इसके बारे में कुछ नहीं जनता था. वायरस के आते ही एकदम से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ गई और सात दिनों के वसंत उत्सव से पहले बड़ी तादाद में लोग शहर से बाहर जाने लगे, जिसके बाद सरकार ने 23 जनवरी को शहर को बंद कर दिया.

दत्त ने कहा कि शुरू में लोगों को किराने का सामान और आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई थी, लेकिन 10 फरवरी के बाद उन्हें अपने घरों पर रहने को कहा गया और प्रत्येक समुदाय को उनके दरवाजे तक आइटम पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक दिए गए थे.

सोम दत्त इस समय अपने गांव मतलाहड़ में अपने परिवार के साथ हैं. दत्त ने कहा कि यह समय उनके लिए एक साल के क्वारंटाइन जैसा था. उन्होने बताया कि वह किसी भी इंसान से शारीरिक रूप से नहीं मिल सकते थे वह 'वी चैट' ऐप के जरिए दोस्तों से बात कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि वह एक अपार्टमेंट में रहते थे, अपार्टमेंट की बालकनी, बगीचा एक निर्जन क्षेत्र की तरफ खुलती थी. उन्होंने बताया कि वह एक इंसान को भी नहीं देख सकते थे. इस दौरान दत्त अपने घर भी वापस नहीं आ सकते थे और अफवाहों के चलते उनके परिजन डरे हुए थे.

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वुहान से 112 लोगों को लौटने की सुविधा दी थी. इसके बाद 27 फरवरी को वह अपने कमरे से बाहर निकले और अपने एक सहयोगी से मिले, जिसके बाद वह अभिभूत हो गए और उसे गले से लगा लिया. यह एक अलग अनुभव था.

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लेकर उठाए जा रहे कदमों पर दत्त ने बताया की भारत सरकार इस मामले में बेहतर काम कर रही है और उम्मीद है कि 14 अप्रैल तक हालात सामान्य हो जाएंगे. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि लोग अपने घरों से बाहर ना निकले और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें: COVID-19: कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह की फेसबुक पोस्ट पर विवाद

कांगड़ा: कोरोना वायरस के संक्रमण को मात देते हुए चीन में काम करने वाला 36 वर्षीय एक वैक्सीन रिसर्चर वुहान से अपने घर हिमाचल प्रदेश पहुंचा है. पेशे से वैक्सीन रिसर्चर सोम दत्त वुहान में एक अपार्टमेंट में 36 दिनों तक बंद रहे.

इसके बाद जब सोम दत्त भारत लौट तो वह 16 दिनों तक दिल्ली में क्वारंटाइन में रहे और आखिर में वह अपने घर कांगड़ा पहुंचकर 11 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहे. दत्त, एक वैक्सीन रिसर्चर के तौर पर चीन में एक कंपनी के साथ काम करते हैं.

यह कंपनी वैक्सीन पर रिसर्च करती है. वह साढ़े तीन साल पहले वुहान गए थे और गुआंगू स्क्वायर में दो कमरों के अपार्टमेंट में रहते हैं. सोम दत्त ने ईटीवी से अपना अनुभव सांझा करते हुए बताया कि 10 जनवरी को स्थानीय अधिकारियों ने सभी निवासियों को मास्क पहनने के लिए कहा था.

कोरोना वायरस एक नई तरह का वायरस था और कोई भी इसके बारे में कुछ नहीं जनता था. वायरस के आते ही एकदम से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ गई और सात दिनों के वसंत उत्सव से पहले बड़ी तादाद में लोग शहर से बाहर जाने लगे, जिसके बाद सरकार ने 23 जनवरी को शहर को बंद कर दिया.

दत्त ने कहा कि शुरू में लोगों को किराने का सामान और आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई थी, लेकिन 10 फरवरी के बाद उन्हें अपने घरों पर रहने को कहा गया और प्रत्येक समुदाय को उनके दरवाजे तक आइटम पहुंचाने के लिए स्वयंसेवक दिए गए थे.

सोम दत्त इस समय अपने गांव मतलाहड़ में अपने परिवार के साथ हैं. दत्त ने कहा कि यह समय उनके लिए एक साल के क्वारंटाइन जैसा था. उन्होने बताया कि वह किसी भी इंसान से शारीरिक रूप से नहीं मिल सकते थे वह 'वी चैट' ऐप के जरिए दोस्तों से बात कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि वह एक अपार्टमेंट में रहते थे, अपार्टमेंट की बालकनी, बगीचा एक निर्जन क्षेत्र की तरफ खुलती थी. उन्होंने बताया कि वह एक इंसान को भी नहीं देख सकते थे. इस दौरान दत्त अपने घर भी वापस नहीं आ सकते थे और अफवाहों के चलते उनके परिजन डरे हुए थे.

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वुहान से 112 लोगों को लौटने की सुविधा दी थी. इसके बाद 27 फरवरी को वह अपने कमरे से बाहर निकले और अपने एक सहयोगी से मिले, जिसके बाद वह अभिभूत हो गए और उसे गले से लगा लिया. यह एक अलग अनुभव था.

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लेकर उठाए जा रहे कदमों पर दत्त ने बताया की भारत सरकार इस मामले में बेहतर काम कर रही है और उम्मीद है कि 14 अप्रैल तक हालात सामान्य हो जाएंगे. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि लोग अपने घरों से बाहर ना निकले और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.

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Last Updated : Mar 28, 2020, 9:13 PM IST
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