कांगड़ा: ज्वालाजी भाजपा मंडलाध्यक्ष के पद पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. भाजपा ने रानीताल में हुई बैठक में दावा किया था कि मंडलाध्यक्ष के फैसले पर सोमवार को अंतिम मुहर लगाई जाएगी.
इस बीच ये ड्रामा दोबारा तब शुरू हो गया जब भाजपा के स्थानीय विधायक रमेश धवाला सहित मंडल अध्यक्ष चमन पुंडीर और अन्य भजपा नेता, कार्यकर्ता और बूथों के अध्यक्ष रेस्ट हाउस में इकट्ठा हुए, लेकिन यहां भी चुनाव प्रभारी विनय शर्मा नहीं पहुंचे. 2 दिन से हो रहे इस हाई वोल्टेज ड्रामे को लेकर शहर में लोगों के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया.
सोशल मीडिया पर लोगों ने भाजपा मंडल अध्यक्ष के चुनाव को लेकर टिप्पणियां करना शुरू कर दिया है. बीते दिनों फूटे पत्र बम और कुछ समय पहले चंगर क्षेत्र में रुके विकास कार्यों को लेकर सीएम जयराम के पास की गई शिकायत के लिए इस जंग को लोगों द्वारा जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. हालांकि अध्यक्ष पद को लेकर छिड़ी ये सियासी जंग अब अंतिम रूप कब लेगी इसका लोग भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो कुछ भाजपा कार्यकर्ता मोबाइल फोन और अन्य कार्यकर्ताओं की सहायता से रूठों को मनाने में लगे हैं. वहीं, ज्वालामुखी में इस घमासान की बात चर्चा का विषय बनी हुई है जबकि कोई भी धड़ अपनी सहमति लेता नजर नहीं आ रहा. दोनों धड़ अपने क्षेत्र को बढ़ावा देते नजर आ रहे हैं.
चुनाव प्रभारी विनय शर्मा भाजपा को दिए आश्वासन के बावजूद ज्वालामुखी मंडल भाजपा के चुनाव में फंसे पेंच को सुलझाने नहीं आए, ऐसे में ये मामला सुलझने की बजाए उलझता ही जा रहा है. साथ ही कार्यकर्ता भी इस चुनाव में समझ नहीं पा रहे आखिर भाजपा की कमान की गेंद किसके पाले में आएगी.
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला के मार्गदर्शन में सभी ने निर्णय लिया कि चुनाव प्रभारी के न आने पर 84 बूथों के प्रधानों के हस्ताक्षर और चुनाव कार्यवाही का रिकॉर्ड प्रदेश चुनाव प्रभारी सहित आगे आला नेताओं को भेजेंगे. प्रस्ताव की कापियां करवाकर प्रदेश चुनाव प्रभारी सांसद राम स्वरूप शर्मा, चुनाव सह प्रभारी राजीव भारद्वाज, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती को भेजे जाएंगे, साथ ही उनसे मिलकर पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ताओं की तरह न्याय की मांग की जाएगी.
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