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आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में अब नहीं होगी पेयजल की परेशानी, लाखों खर्च कर बिछाई गई पाइपलाइन

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Published : Jul 13, 2019, 12:42 PM IST

आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करीब 20 लाख रुपये की लागत से पानी के लिए पेयजल स्त्रोत से मंदिर प्रांगण तक पांच किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछा दी गई है. फिलहाल अभी पाइपलाइन की टेस्टिंग का काम जारी है, जिसके बाद जल्द ही नई पाइपलाइन से पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.

आदि हिमानी चामुंडा मंदिर

धर्मशाला: आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में अब पेयजल की परेशानी नहीं होगी. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करीब 20 लाख रुपये की लागत से पानी के लिए पेयजल स्त्रोत से मंदिर प्रांगण तक पांच किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछा दी गई है.

पाइपलाइन की टेस्टिंग का काम जारी है. वहीं, आईपीएच विभाग ने मंदिर के रास्ते पर भी दो किलोमीटर नीचे तक पाइप लाइन बिछाने का निर्णय लिया है, जिससे श्रद्धालुओं को रास्ते में पेयजल की समस्या से दो-चार न होना पड़े.

आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में अब नहीं होगी पेयजल की परेशानी
मंदिर में पेयजल व्यवस्था के लिए स्पेशल प्लास्टिक पाइप (पीपीआर) पाइप बिछाई गई है. इस पाइप की खासियत ये है कि बर्फबारी होने पर भी इस पाइप से पानी की सप्लाई बाधित नहीं होती. विभाग का दावा है कि जल्द ही पानी मंदिर तक पहुंचा दिया जाएगा.

गौरतलब है कि आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में गर्मियों के दौरान श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रहती है. आईपीएच विभाग धर्मशाला के एक्सईएन विकास बख्शी ने बताया कि श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम के सहयोग से आदि हिमानी चामुंडा में 20 लाख रुपये की लागत से पेयजल के लिए पांच किलोमीटर पाइपलाइन बिछा दी गई है, जिसकी टेस्टिंग का काम चल रहा है.वहीं, मंदिर के रास्ते पर भी दो किलोमीटर नीचे तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी. पेयजल स्त्रोत से मंदिर तक स्पेशल प्लास्टिक पाइप (पीपीआर) बिछाई है. इस पाइप की खासियत ये है कि बर्फबारी होने पर भी इस पाइप से पानी की सप्लाई बाधित नहीं होती.

धर्मशाला: आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में अब पेयजल की परेशानी नहीं होगी. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करीब 20 लाख रुपये की लागत से पानी के लिए पेयजल स्त्रोत से मंदिर प्रांगण तक पांच किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछा दी गई है.

पाइपलाइन की टेस्टिंग का काम जारी है. वहीं, आईपीएच विभाग ने मंदिर के रास्ते पर भी दो किलोमीटर नीचे तक पाइप लाइन बिछाने का निर्णय लिया है, जिससे श्रद्धालुओं को रास्ते में पेयजल की समस्या से दो-चार न होना पड़े.

आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में अब नहीं होगी पेयजल की परेशानी
मंदिर में पेयजल व्यवस्था के लिए स्पेशल प्लास्टिक पाइप (पीपीआर) पाइप बिछाई गई है. इस पाइप की खासियत ये है कि बर्फबारी होने पर भी इस पाइप से पानी की सप्लाई बाधित नहीं होती. विभाग का दावा है कि जल्द ही पानी मंदिर तक पहुंचा दिया जाएगा.

गौरतलब है कि आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में गर्मियों के दौरान श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रहती है. आईपीएच विभाग धर्मशाला के एक्सईएन विकास बख्शी ने बताया कि श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम के सहयोग से आदि हिमानी चामुंडा में 20 लाख रुपये की लागत से पेयजल के लिए पांच किलोमीटर पाइपलाइन बिछा दी गई है, जिसकी टेस्टिंग का काम चल रहा है.वहीं, मंदिर के रास्ते पर भी दो किलोमीटर नीचे तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी. पेयजल स्त्रोत से मंदिर तक स्पेशल प्लास्टिक पाइप (पीपीआर) बिछाई है. इस पाइप की खासियत ये है कि बर्फबारी होने पर भी इस पाइप से पानी की सप्लाई बाधित नहीं होती.

Intro:धर्मशाला- आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में अब पेयजल की परेशानी नहीं होगी। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगभग 20 लाख रुपये की लागत से पानी के लिए पेयजल स्त्रोत से मंदिर प्रांगण तक 5 किलोमीटर पाइपलाइन बिछा दी गई है, जिसकी टेस्टिंग का कार्य जारी है। यही नहीं आईपीएच विभाग ने मंदिर के रास्ते पर भी 2 किलोमीटर नीचे तक पाइप लाइन
बिछाने का निर्णय लिया है, जिससे श्रद्धालुओं को रास्ते में पेयजल की समस्या से दो-चार न होना पड़े। 



Body:आदि हिमानी चामुंडा में पेयजल व्यवस्था के लिए  स्पेशल प्लास्टिक पाइप (पीपीआर) पाइप बिछाई है। इस पाइप की खासियत यह है कि बर्फबारी होने पर भी इस पाइप से पानी की सप्लाई बाधित नहीं होती। बिछाई गई पाइप लाइन की टेस्टिंग की जा रही है। विभाग का दावा है कि अतिशीघ्र पानी मंदिर तक पहुंचा दिया जाएगा। उसके बाद मंदिर से नीचे की ओर 2 किलोमीटर तक पाइप बिछाई जाएगी। गौरतलब है कि आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में गर्मियों के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। 


Conclusion:आईपीएच विभाग धर्मशाला के एक्सईएन विकास बख्शी ने बताया कि श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम के सहयोग से आदि हिमानी चामुंडा में 20 लाख रुपये की लागत से पेयजल के लिए 5 किलोमीटर पाइपलाइन बिछा दी गई है, जिसकी टेस्टिंग का कार्य जारी है। मंदिर के रास्ते पर भी 2 किलोमीटर नीचे तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पेयजल स्त्रोत से मंदिर तक स्पेशल प्लास्टिक पाइप (पीपीआर) पाइप बिछाई है। इस पाइप की खासियत यह है कि बर्फबारी होने पर भी इस पाइप से पानी की सप्लाई बाधित नहीं होती। 

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