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धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन, मिलेगा बलिदानी वीरों के शौर्य को जानने का अवसर - धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क

डीसी कांगड़ा ने धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से यहां आने वाले पर्यटकों को क्षेत्र के बलिदानी वीरों की शौर्य गाथा से अवगत करवाया जाना चाहिए. इसी उद्देश्य से ये पार्क बनाया गया है. (Sher Jung Thapa Park in Dharamshala) (Brigadier Sher Jung Thapa)

Sher Jung Thapa Park in Dharamshala
Sher Jung Thapa Park in Dharamshala
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Published : Feb 26, 2023, 5:32 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश को देवभूमि होने के साथ-साथ वीर भूमि होने का भी सौभाग्य प्राप्त है. उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने धर्मशाला के मैक्लोड़गंज मार्ग में स्थित ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन करने के दौरान ये कहा. उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से यहां आने वाले पर्यटकों को क्षेत्र के बलिदानी वीरों की शौर्य गाथा से अवगत करवाया जाना चाहिए.

उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि हमारे लिए बड़े गौरव की बात है कि ‘हीरो ऑफ स्कर्दू’ नाम से विख्यात ब्रिगेडियर शेर जंग थापा का संबंध धर्मशाला से था. उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर शेर जंग थापा के नाम पर स्थापित इस पार्क को और अधिक गरिमापूर्ण बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा इसे अपग्रेड और इसका सौंदर्यीकरण किया गया. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को ब्रिगेडियर शेर जंग थापा की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य पर उन्होंने इस पार्क का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इस पार्क से यहां आने वाले सैलानियों और स्थानीय लोगों को ब्रिगेडियर शेर जंग थापा की शौर्य गाथा के बारे में जानकारी मिलेगी. इसके साथ ही युवा पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा लेगी.

डीसी कांगड़ा ने धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन किया
डीसी कांगड़ा ने धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन किया

पर्यटन के साथ मिलेगी इतिहास की जानकारी: डीसी ने कहा कि प्रदेश सरकार जिला कांगड़ा को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन नए आयामों की ओर भी सोच रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट इस दिशा में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के वीरों को दो परमवीर चक्र के साथ सैकड़ों वीरता पुरस्कार मिलने का गौरव प्राप्त है.

उन्होंने कहा कि इन बलिदानी वीरों के इतिहास और उनकी शौर्य गाथाओं को अंकित करने से पर्यटन के साथ इतिहास की जानकारी भी लोगों को मिलेगी, इसिलए इस पार्क का उद्घाटन किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा युद्ध संग्रहालय धर्मशाला में भी भारत के युद्ध इतिहास और उससे संबंधित इतिहास की जानकारियां उपलब्ध करवायी गई हैं. उन्होंने कहा कि इस पार्क के बनने से जिले में पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, वहीं लोग इस देश के लिए बलिदान हुए वीरों के बारे में भी जान सकेंगे.

पर्यटन के साथ मिलेगी इतिहास की जानकारी
पर्यटन के साथ मिलेगी इतिहास की जानकारी

कौन थे ब्रिगेडियर शेर जंग थापा: बता दें, 1947 में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के आक्रमण के समय कांगड़ा के वीर मेजर सोमनाथ शर्मा के बलिदान के बाद उन्हें परमवीर चक्र से सुशोभित किया गया था. उसी समय कांगड़ा से संबंध रखने वाले धर्मशाला के ब्रिगेडियर शेर जंग थापा सकर्दू की पहाड़ियों पर पाकिस्तान को चुनौती देने का काम कर रहे थे. पाकिस्तानी सेना से घिरे होने के बावजूद पाकिस्तान लगभग दस महीनों तक सकर्दू पर कब्जा नहीं कर पाया था. स्कर्दू आज पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर में है. ब्रिगेडियर शेर जंग थापा के नेतृत्व में सकर्दू पर अगस्त 1948 तक तिरंगा फहराता रहा. अपने पास उपलब्ध भोजन और हथियार जब तक खत्म नहीं हुए तब तक उन्होंने पाकिस्तान को स्कर्दू पर कब्जा नहीं करने दिया. ब्रिगेडियर शेर जंग थापा को बाद में महावीर चक्र से नवाजा गया था.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस महाधिवेशन में बोले CM सुक्खू- प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए हिमाचल लागू कर रहा Electric Vehicles Policy

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश को देवभूमि होने के साथ-साथ वीर भूमि होने का भी सौभाग्य प्राप्त है. उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने धर्मशाला के मैक्लोड़गंज मार्ग में स्थित ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन करने के दौरान ये कहा. उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से यहां आने वाले पर्यटकों को क्षेत्र के बलिदानी वीरों की शौर्य गाथा से अवगत करवाया जाना चाहिए.

उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि हमारे लिए बड़े गौरव की बात है कि ‘हीरो ऑफ स्कर्दू’ नाम से विख्यात ब्रिगेडियर शेर जंग थापा का संबंध धर्मशाला से था. उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर शेर जंग थापा के नाम पर स्थापित इस पार्क को और अधिक गरिमापूर्ण बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा इसे अपग्रेड और इसका सौंदर्यीकरण किया गया. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को ब्रिगेडियर शेर जंग थापा की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य पर उन्होंने इस पार्क का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इस पार्क से यहां आने वाले सैलानियों और स्थानीय लोगों को ब्रिगेडियर शेर जंग थापा की शौर्य गाथा के बारे में जानकारी मिलेगी. इसके साथ ही युवा पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा लेगी.

डीसी कांगड़ा ने धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन किया
डीसी कांगड़ा ने धर्मशाला में ब्रिगेडियर शेर जंग थापा पार्क का उद्घाटन किया

पर्यटन के साथ मिलेगी इतिहास की जानकारी: डीसी ने कहा कि प्रदेश सरकार जिला कांगड़ा को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन नए आयामों की ओर भी सोच रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट इस दिशा में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के वीरों को दो परमवीर चक्र के साथ सैकड़ों वीरता पुरस्कार मिलने का गौरव प्राप्त है.

उन्होंने कहा कि इन बलिदानी वीरों के इतिहास और उनकी शौर्य गाथाओं को अंकित करने से पर्यटन के साथ इतिहास की जानकारी भी लोगों को मिलेगी, इसिलए इस पार्क का उद्घाटन किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा युद्ध संग्रहालय धर्मशाला में भी भारत के युद्ध इतिहास और उससे संबंधित इतिहास की जानकारियां उपलब्ध करवायी गई हैं. उन्होंने कहा कि इस पार्क के बनने से जिले में पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, वहीं लोग इस देश के लिए बलिदान हुए वीरों के बारे में भी जान सकेंगे.

पर्यटन के साथ मिलेगी इतिहास की जानकारी
पर्यटन के साथ मिलेगी इतिहास की जानकारी

कौन थे ब्रिगेडियर शेर जंग थापा: बता दें, 1947 में जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के आक्रमण के समय कांगड़ा के वीर मेजर सोमनाथ शर्मा के बलिदान के बाद उन्हें परमवीर चक्र से सुशोभित किया गया था. उसी समय कांगड़ा से संबंध रखने वाले धर्मशाला के ब्रिगेडियर शेर जंग थापा सकर्दू की पहाड़ियों पर पाकिस्तान को चुनौती देने का काम कर रहे थे. पाकिस्तानी सेना से घिरे होने के बावजूद पाकिस्तान लगभग दस महीनों तक सकर्दू पर कब्जा नहीं कर पाया था. स्कर्दू आज पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर में है. ब्रिगेडियर शेर जंग थापा के नेतृत्व में सकर्दू पर अगस्त 1948 तक तिरंगा फहराता रहा. अपने पास उपलब्ध भोजन और हथियार जब तक खत्म नहीं हुए तब तक उन्होंने पाकिस्तान को स्कर्दू पर कब्जा नहीं करने दिया. ब्रिगेडियर शेर जंग थापा को बाद में महावीर चक्र से नवाजा गया था.

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