धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा की विधानसभा के शीतसत्र का आखिरी दिन समाप्त हुआ और ये सत्र तीन दिन तक चला. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद नई रस्म के रूप में सत्र आता है और आज राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा के बाद शीतकालीन सत्र की समाप्ति हो गई है. उन्होंने कहा की कोई भी पार्टी विशेष है. जब मैंडेट उनके खिलाफ आ गया तो इस मेंडेट का सर झुकाकर सम्मान करना चाहिए. (hp assembly winter session) (Deputy CM Mukesh Agnihotri Target BJP)
उन्होंने कहा की लोकतंत्र में किसी भी पार्टी का किसी भी दल की लोकप्रियता का पैमाना चुनाव होता है, और चुनाव आप हार चुके हैं. जनता के जनादेश को स्वीकार करें. डिप्टी सीएम ने कहा कि विपक्ष वाले विधानसभा में आ कर कहते हैं कि हमने जनता के जनादेश को स्वीकार किया है. लेकिन दूसरी तरफ अभी आप कह रहे हैं कि सत्ता आती है और छीन ली जाती है. कौन छीन लेगा सत्ता?. हिमाचल प्रदेश की जनता ने वोट डाला है और वोट डालने के बाद कांग्रेस की सरकार बनी है.
डिप्टी सीएम ने कहा की 40 सीटें जीतने के बाद ही प्रदेश में मजबूत सरकार बनी है. उन्होंने कहा की विधानसभा के अंतिम क्षणों में जो आचरण भाजपा ने अपनाया है उसमें सारी रिवायत तोड़ दी. उन्होंने कहा कि हम भी पांच साल विपक्ष में थे और अगर जनता ने आपको विपक्ष में भेजा है तो उसका सम्मान करते हुए जो रस्में हैं उसकी अदायगी होनी चाहिए. ऐसा कभी नहीं हुआ की अंतिम क्षण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए विपक्ष मौजूद न हो.
उन्होंने कहा की विपक्ष को गुस्सा इस बात का है की उनसे सत्ता छिन गई है. डिप्टी सीएम बोले की भारतीय जनता पार्टी के पास क्या सब्सटांस था, कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण में रचनात्मक और सकारात्मक बातें की हैं. उन्होंने कहा की अगर हम चाहते तो इस अभिभाषण में पांच साल के इनके कच्चे चिठों का समावेश भी कर देते. लेकिन हमने ऐसा नहीं किया क्योंकि हमें विकास की राजनीति करनी है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तपोवन में हुए तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को विपक्ष ने फिर हंगामा किया. भाजपा विधायक दल ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में बोलने का मौका न देने का मुद्दा उठाया और विधानसभा अध्यक्ष व सत्तारूढ़ दल कांग्रेस पर तानाशाही का आरोप लगाया. भाजपा विधायकों ने इस पर विरोध जताते हुए नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में बढ़ेगी कर्ज लेने की सीमा, शीतकालीन सत्र में पेश विधेयक हुआ पारित