धर्मशाला: हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज तपोवन में शुरू हुआ है. सत्र में विधायकों की शपथ से पहले ही सदन में विपक्ष ने हंगामा किया. नई कांग्रेस की सरकार द्वारा पूर्व जयराम सरकार के खुले दफ्तर डिनोटिफाई के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सत्र शुरू होने से पहले ही मुद्दा उठा दिया. जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सामान्य परिस्थिति नहीं है. हिमाचल में पहली बार ऐसा हुआ है कि 5 साल के लिए चुनी गई सरकार की आखिरी साल के फैसले बिना नई कैबिनेट बने या विधायकों की शपथ के पलट दिए गए इस दौरान विधायकों ने सदन में नारेबाजी भी की और सदन से वॉकआउट भी किया. (himachal vidhan sabha winter session) (Himachal vidhan sabha speaker)
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष चुने जाने की बधाई दी और कहा कि विपक्ष को सदन के अंदर बोलने का पूरा मौका दिया गया है. सरकार में रहते भाजपा ने 9 महीनों ने बिना बजट के भगवान भरोसे संस्थान खोल दिए और न ही पदों को भरा गया सभी भर्तियां कोर्ट में लटकी है. वर्तमान सरकार जहां जरूरत होगी वहां संस्थानों को खोला जाएगा और बजट का प्रावधान कर दफ्तर खोले जाएंगे. राजनीतिक मंशा से पूर्व सरकार ने संस्थान खोले बावजूद इसके भाजपा को जनता ने विपक्ष में बैठा दिया. 6 जनवरी तक चलने वाले इस सत्र में कुल 3 सीटिंग होंगी. सत्र के दूसरे दिन यानी कल विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव होगा स्पीकर चुनने की प्रक्रिया प्रोटेम स्पीकर की अगुवाई में पूरी की जाएगी.
वहीं, सीएम ने कहा कि बीजेपी ने प्रदेश में चुनावी बेला में 900 दफ्तर खोले. फिर भी प्रदेश की जनता ने बीजेपी को नकार दिया. अब बीजेपी जनादेश का अपमान कर रही है. पूर्व सरकार ने जगह-जगह गैर जरूरी दफ्तर खोले. जहां जरूरत होगी, वहां जरूरत के हिसाब से अब स्कूल, कॉलेज व चिकित्सा संस्थान खोले जाएंगे और इनमें स्टाफ की भर्ती की जाएगी. सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने कई ऐसे CHC खोल दिए थे, जिन्हें फार्मासिस्ट और कई स्कूलों को चपड़ासी चला रहे थे. (Himachal Assembly Winter Session) (himachal vidhansabha winter first day)
'बहाल किए जाएं डिनोटिफाई दफ्तर': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नए दफ्तर खोलने का फैसला कैबिनेट ने लिया है और बंद करने का फैसला भी कैबिनेट ही ले सकती है, मगर राज्य में अब तक कैबिनेट का गठन ही नहीं हो पाया है. ऐसे में सरकार इन संस्थानों को बंद नहीं कर सकती है. जो संस्थान बंद किए गए हैं, उन्हें बहाल किया जाना चाहिए. पूर्व में ऐसे संस्थान नहीं खोले गए, जिनके लिए पद सृजित न किए गए हों.
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