धर्मशाला: राज्य सरकार हिमाचल में पर्यटन के विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. दरअसल, पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने मंगलवार को मैक्लोडगंज में पर्यटन विभाग के अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान आरएस बाली ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन अधोसंरचना को विकसित करने के दृढ़ प्रयास कर रही है और भविष्य में सालाना पांच करोड़ पर्यटकों के स्वागत का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए राज्य सरकार एशियन विकास बैंक की मदद से हिमाचल में पर्यटन विकास के लिए 2500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, प्रारंभिक तौर पर 1300 करोड़ की राशि स्वीकृत भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चालू वित वर्ष में 400 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है.
आरएस बाली ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है और इसके माध्यम से प्रदेश के हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से आजीविका प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास और अपनी प्राकृतिक सुंदरता को और बेहतर ढ़ंग से प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नई प्रतिबद्धता के साथ, हिमाचल प्रदेश एक उत्कृष्ट वैश्विक पर्यटन स्थल बनने की राह पर अग्रसर है, दूर-दूर से यात्री यहां के मनमोहक नजारों का आनन्द लेने आते हैं, जिससे प्रदेश के पर्यटन उद्योग का भविष्य पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल नजर आता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में पर्यटकों के लिए सबसे सुरक्षित पर्यटन गंतव्य के रूप में उभर कर सामने आया है.
पर्यटन राजधानी धर्मशाला में बनेगा राज्य का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर: आरएस बाली ने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए कईं महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिले में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण, धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर, बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट एवं हाई एंड फाउंटेन, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक, परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, पालमपुर के मैंझा में वैडिंग रिसॉर्ट, हेलीपोर्ट निर्माण जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर कार्य जल्द शुरु किया जाएगा. इसके साथ ही नगरोटा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर म्यूजिक फाउंटेन भी स्थापित किया जाएगा, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा.
विदेशों की तर्ज पर पर्यटकों के लिए चलेंगी हाईटेक बसें: विदेशों की तर्ज पर हिमाचल में भी पर्यटकों को हाईटेक बसें चलाई जाएंगी. इस के लिए पर्यटन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल के पर्यटन स्थलों के लिए पर्यटन हाईटेक बसों में पर्यटकों का सफर आरामदेय होगा साथ ही हिमाचल की पहाड़ों की सुंदरता को भी पर्यटक सफर के दौरान निहार सकेंगे.
'सरकार ने कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. जिसके चलते ही पहली मर्तबा पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक धर्मशाला में आयोजित की गई है और पर्यटन विभाग के सभी जिला अधिकारियों के साथ पर्यटन विकास को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है.' :- आरएस बाली, अध्यक्ष, पर्यटन निगम
शहीदों तथा रणबांकुरों की स्मृतियों को भी संजोएगा पर्यटन विभाग: आरएस बाली ने कहा कि राज्य के शहीदों तथा रणबांकुरों की यादों को संजोने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से खाका तैयार किया गया है. देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ की स्मृति में धर्मशाला के डाढ में गेट का निर्माण करवाया जा रहा है. इसी तरह से स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय भी निर्मित करने में पर्यटन विभाग मदद करेगा ताकि पर्यटकों को राज्य के रणबांकुरों के इतिहास के बारे में भी जानकारी मिल सके.
पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हिमाचल: आरएस बाली ने कहा कि आपदा के पश्चात हिमाचल अब फिर से पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों के लिए सभी मार्ग खोल दिए गए हैं और अब हिमाचल में फिर से पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी हो रही है. आरएस बाली ने कहा कि पर्यटन सूचना केंद्रों को और भी सुदृढ़ किया जाएगा ताकि पर्यटन सूचना केंद्रों के माध्यम से पर्यटकों को सुचारू जानकारी मिल सके.
एडीबी प्रोजेक्ट के तहत बंद पड़े भवनों को पर्यटन निगम ने लिया वापस: आरएस बाली ने कहा कि राज्य में एडीबी प्रोजेक्ट के तहत निर्मित भवन विभिन्न विभागों को संचालन के लिए दिए गए थे, लेकिन जिन भवनों का उपयोग नहीं किया जा रहा था. उन भवनों को सरकार के निर्देश के बाद पर्यटन निगम अब नए सिरे से संचालित करेगा ताकि पर्यटन के साथ साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा सकें.