धर्मशाला: तपोवन में चल रहे शीतकालीन विधानसभा सत्र के चौथे दिन आज सदन में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि रणधीर शर्मा और उनके साथियों ने आज नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि स्थगन प्रस्ताव का जो विषय है व काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 1 साल से बेरोजगार दर-दर भटक रहा है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पहली बैठक में 1 लाख नौकरियां दी जाएंगी ऐसा सत्ता में बैठे हुए नेताओं द्वारा कहा गया था, लेकिन इसके उलटे 10 हजार आउटसोर्स पर लगे वह कर्मचारी जिन्होंने कोविड के दौरान अपनी जिंदगी को संकट में डाल करके दूसरों की जिंदगी को बचाने के लिए काम किया उनको नौकरी से निकाल दिया और 8 से 9 महीने का पैसा उनको नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार हिमाचल में हैं और पिछले 1 साल से एक आदमी या एक युवक को भी नौकरी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व की सरकार ने जो नौकरियां निकली थी वही नौकरियां दी जा रही हैं जिसकी प्रक्रिया कंप्लीट हो रही है.
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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई नौजवान हैं जिन्होंने परीक्षा दे रखी है, लेकिन अभी तक उनके परिणाम नहीं निकले हैं और इसलिए आज हमने विधानसभा से वॉकआउट करके अपनी बात कही है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए भी विपक्ष के सभी सदस्य सदन में मौजूद थे, लेकिन सत्ता पक्ष के विधायकों को ढूंढ-ढूंढ के सदन में लाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस सदन को सत्ता पक्ष कितना गंभीरता से ले रहा है यह सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले 1 साल से युवाओं को नौकरी देने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं और इसके बावजूद नौकरी पर लगे हुए आउटसोर्स के 10 हजार कर्मचारियों को भी नौकरी से निकाल दिया.