पालमपुर: 16 श्रृंगार महिलाओं का गहना है. सिंदूर, चूड़ियां, वालियां, नेलपॉलिश, चांद सा चमकता चेहरा, रेशमी जुल्फों की छांव, झील सी गहरी आंखें, लेकिन बात होठों पर आकर अटक गई. होंठों की सुंदरता लिपस्टिक के बिना अधूरी है. अक्सर लिपस्टिक में कैमिकल एलिमेंट होने की शिकायत महिलाओं की रहती है, लेकिन अब महिलाओं के होंठों पर लगाने वाली लिपस्टिक अब प्राकृतिक चीजों से बनी मिलेगी, जिससे महिलाओं को अब केमिकल भरी लिपस्टिक लगाने से छुटकारा मिलेगा.
सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर के वैज्ञानिकों ने तकनीक तैयार कर ली है. संस्थान ने हरी सब्जियों से बनने वाली लिपस्टिक तैयार की है. यह तीन या चार रंगो में निखर कर आएगी. यह लिपस्टिक काली पता गोभी, चुकंदर, काली गाजर से तैयार की गई है, जिस पर इसका कलर गुलाबी, मैरून, लाल होगा.
आईएचबीटी इस तकनीक को जल्द बाजार में लाना चाहती है ताकि आए दिन निकलने वाले आधुनिक सौंदर्य प्रसाधनों के जगत में यह लिपस्टिक अन्य को मात दे सकती है. केमिकल रहित बनने वाली इस लिपस्टिक से कोई साइड अफेक्ट नहीं होगा, साथ ही यह पूरी तरह प्राकृतिक होगी, जिससें होठों के खराब होने का कोई खतरा नहीं होगा, जबकि केमिकल से भरपूर भरे पड़े कई सौंदर्य प्रसाधनों से महिलाओं को कई समस्या आ जाती है, लेकिन इससे कोई हानि नहीं होगी.
बताया जाता है कि इसकी तकनीक को लेकर आईएचबीटी को एक दो जगह पर बात चली हुई है, जिससे इस लिपस्टिक की बाजार में जल्द उतरने की संभावना बन गई है. संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि जितने भी हमारे खाद्य पदार्थ है रंगों का प्रयोग बहुत होता है उनमें अधिकतर सिंथेटिक होते है जो कि बडे़ हानिकारक रसायन है.
संस्थान ने इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक रंगों से हर्बल लिपस्टिक तैयार की है और लिपस्टिक में ऐसा कुछ प्रयोग नहीं किया गया है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो. लिपस्टिक को जल्द बाजार में उतारने के लिए कम्पनियों से बात चल रही है.
संस्थान की वैज्ञनिक डॉ. पमीता ने कहा कि सब्जियों से हमने जो प्राकृतिक रंग निकाले हैं उनका हम खाद्य पदार्थो में इस्तेमाल कर सकते हैं और इन प्राकृतिक रंगों से हमने हर्बल लिपस्टिक तैयार की है. यह हर्बल लिपस्टिक गुलाबी, बैंगनी, चैरी रेड, ऑरेज रंग बनाई गई है.
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