कांगड़ा: एक मेहनती इन्सान शिक्षा की ताकत के दम पर अपने माता-पिता और आने वाली पीढ़ियो का सिर फख्र से ऊंचा कर सकता है. शिक्षा में कितनी ताकत होती है इसकी एक बानगी शाहपुर में देखने को मिली, जब 10वीं की वार्षिक परीक्षा में 94 फीसदी अंक हासिल करने वाली हिना को एक दिन के लिए एसडीएम बना दिया.
पढ़ाई में तेज तर्रार हिना ने एसडीएम कार्यालय में भी अपनी कुशलता का परिचय देते हुए एक दिन में 12 शिकायतों को निपटा डाला. साथ ही जमीनी विवाद का फैसला भी सुना दिया. जिस ऑफिस में हिना एसडीएम बनी थीं. वहीं उनके पिता चपरासी हैं.
एसडीएम शाहपुर जतिन लाल ने हीना को सम्मानित करने के लिए अपने ऑफिस बुलाया तो उन्हें मालूम हुआ कि हीना भविष्य में आईएएस ऑफिसर बनना चाहती है. बस हीना की इसी बात पर एसडीएम जतिन ने उन्हें एक दिन के लिए अपनी कुर्सी पर बिठा दिया.
माता-पिता को हीना पर आज गर्व हैं. बेटियों को कोख में मारने वाले और बेटा-बेटी में अंतर करने वालों को हीना जैसी कई बेटियों ने आइना दिखाया है. हीना ने एक प्रशासनिक अधिकारी बनने के सपने को खुली आंखों से जिया है. हीना को आईएएस बनने के लिए अभी लंबा सफर तय करना पड़ेगा. पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. वैसे ही हीना की मेहनत पर 10वीं के नतजों में दिखाई दी है. हीना इसी मेहनत से आगे बढ़ती रही तो उसे मेहनत का फल जरूर मिलेगा.
इस बात में कोई दोराह नहीं है कि अगर बेटियों की उपलब्धियों को इसी तरह सम्मान मिलता रहेगा तो कोई भी पिता अपनी बेटी को बोझ नहीं समझेगा, बल्कि उनकी बेटी उनके लिए सम्मान की वजह बनेगी.
ये भी पढ़ें: आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदमः सीएम जयराम