धर्मशाला: पीएचसी तियारा को अपग्रेड करने को लेकर ग्रामीणों ने उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा था. जिस में तियारा गांव के ग्रामीणों ने यह स्पष्ट किया था कि अगर तीन दिनों के भीतर इस पीएचसी अस्पताल को अपग्रेड नहीं किया गया, तो ग्रामीण धरना प्रदर्शन करने पर विवश होंगे. इसी कड़ी में आज तियारा गांव के ग्रामीणों ने विरोध करने का एक अनोखा तरीका अपनाया ग्रामीण ढोलकी चिमटा लेकर अस्पताल में भजन कीर्तन करने बैठ गए.
अस्पताल में हो रहे भजन कीर्तन की आवाज सुन कर क्षेत्र के लोग हैरान रह गए व पूरे मामले को समझने के लिए अस्पताल में इकठ्ठा हो गए. इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि जब तक इस अस्पताल को पीएचसी से सीएचसी में अपग्रेड व स्टाफ की नियुक्ति इस अस्पताल में नहीं की जाती है, उनका भजन कीर्तन चलता रहेगा.
भूख हड़ताल पर बैठे लोग
ग्रामीणों ने कहा की इस भजन कीर्तन के साथ ही उप प्रधान ढुगियारी संजीव कुमार, पूर्व प्रधान तियारा ओमप्रकाश व उप प्रधान तियारा मदन लाल भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. अगर उनकी इस मांग को नहीं माना गया तो वह आत्मदाह करने से भी पीछे नही हटेंगे.
अस्पताल में एम्बुलेंस तक नहीं
वहीं, गांव की महिलाओं ने कहा की इस अस्पताल में एम्बुलेंस तक की सुविधा तक नहीं है, अगर किसी महिला को अचानक उपचार की जरूरत हो तो उसे टांडा या अन्य अस्पतालों की और भागना पड़ता है.
बीते 10 सालों से हो रही हैं घोषणाएं
स्थानीय निवासी जोगेंद्र सिंह ने कहा कि पीएचसी तियारा को सीएससी का दर्जा देने की घोषणा तीन बार की जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक हकीकत में कुछ भी नहीं हुआ उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा सरकार व प्रशासन के खिलाफ किसी भी तरह की नारेबाजी नहीं की गई है. वह शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया गया.
अगर सरकार उनकी इस मांग को जल्द पूरा नहीं करती है तो ग्रामीण सात दिनों बाद आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे और अगर इस आमरण अनशन के दौरान किसी की मृत्यु होती है तो इसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी.
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