धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बागवानी विभाग ड्रैगन फ्रूट के लिए फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट स्थापित करने जा रहा है. दरअसल, जिले में ड्रैगन फ्रूट को लेकर किसानों में रुझान बढ़ने लगा है. इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट लगाने का निर्णय लिया गया है. अब इसके लिए विभाग ने नगरोटा सूरियां को चुना है, इसका कारण यह है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरूआत जिला कांगड़ा में नगरोटा सूरियां से हुई थी.
बता दें विभाग की ओर से नगरोटा सूरियां में 25 कनाल भूमि में फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट स्थापित किया जा रहा है. जिसमें आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाएगी. यही नहीं अन्य क्षेत्रों के किसान भी इस प्लॉट का विजिट करके ड्रैगन फ्रूट की खेती को लेकर जानकारियां हासिल कर पाएंगे.
नगरोटा सूरियां में शुरू हुई थी ड्रैगन फ्रूट की खेती: गौरतलब है कि नगरोटा सूरियां के घाड़ जरोट गांव में एक किसान ने 6 कनाल में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी. इस फ्रूट की खासियत यह है कि इसकी फसल जून से नवंबर माह तक मिलती है. नगरोटा सूरियां के किसान ने 6 कनाल में ही ड्रैगन फू्रट की खेती से 1 लाख 25 हजार से अधिक का मुनाफा कमाया है. जिला के सुलह और देहरा में भी छोटे स्तर पर किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इन किसानों की देखादेखी अब और किसान भी इस खेती को अपनाने को आगे आ रहे हैं. ड्रैगन फ्रूट का औषधीय महत्व भी है.
जानकारी के अनुसार ड्रैगन फ्रूट को डॉक्टर्स अब कैंसर रोगियों को रेकमंड कर रहे हैं. ऐसे में नगरोटा सूरियां में जहां किसान इसे उगा रहे हैं, उनके घर से ही लोग इसकी खरीद के लिए पहुंच रहे हैं. बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमल सिंह नेगी ने कहा कि नगरोटा सूरियां ब्लॉक में ड्रैगन फ्रूट के लिए फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन प्लॉट 25 कनाल में स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 3-4 किसानों के सहयोग से इसकी स्थापना की जाएगी.
किसान भी फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन प्लॉट का कर सकेंगे दौरा: डॉ. कमल सिंह नेगी ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट औषधीय तौर पर बेहतर है. उन्होंने कहा कि आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से खेती करवाई जाएगी और अन्य किसान भी फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन प्लॉट का दौरा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट को डॉक्टर कैंसर रोगियों के लिए भी रेकमंड करते हैं और जून से नवंबर तक इसमें फसल लगती रहती है.
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