पालमपुर: जिला कांगड़ा के पालमपुर उपमंडल के रोटरी भवन में 31 साल के बाद भाजपा ने उसी स्थान पर श्री राम मंदिर के भूमि पूजन के उत्सव को मनाया, जहां 11 जून,1989 को श्री राम मंदिर पर भाजपा ने ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया था. कोविड-19 की वजह से इस कार्यक्रम चुनिंदा लोगों को ही बुलाया गया था. इस आयोजन में हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
इस अवसर पर पालमपुर के तत्कालिक विधायक डॉ. शिव कुमार, पुर्व विधायक प्रवीण कुमार, भाजपा महामंत्री त्रिलोक कूपर और भाजपा के अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. इस मौके पर शांता कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर राजनीति का कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि राम केवल धार्मिक पुरुष नहीं है, बल्कि राम इस देश के राष्ट्रपुरुष भी हैं. राम के साथ भारत का पूरा इतिहास जुड़ा है. शांता कुमार ने कहा कि राम पूरे भारत के हैं.
शांता कुमार ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए बीजेपी को छोड़कर अन्य कोई पार्टी सामने नहीं आई. वहीं, बाबरी विध्वंस मामले में शांता कुमार ने कहा कि उस समय बीजीपी की चार सरकारें गिरी थी. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में कई लोगों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. वहीं, जिन लोगों ने राम मंदिर निर्माण में अपना योगदान दिया है, वह आज खुद को भाग्यशाली समझ रहे होंगे.
भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन का इतिहास 500 साल पुराना है. भारतीय जनता पार्टी इस आंदोलन की आखिरी कड़ी बनकर सामने आई. शांता कुमार ने बताया कि पालमपुर में जब राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रस्ताव पारित करने निर्णय हुआ उसके बाद बीजीपी ने पूरी शक्ति के साथ लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में अयोध्या रथ यात्रा की और आज राम मंदिर का शिलान्यास हुआ है.
गौर रहे कि सन 1989 में पालमपुर के रोटरी भवन में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस बैठक में स्वर्गीय वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी के अलावा पार्टी के उस समय के सभी दिग्गज नेताओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी. इसी बैठक में बीजेपी ने राममंदिर निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था.
भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई थी. इससे संबंधित चर्चा दो दिन तक पालमपुर में रहकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ की थी.
पार्टी ने राम मंदिर के प्रस्ताव को पालमपुर में पहली बार पारित किया और इसमें अटल जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दो दिन तक चले इस अधिवेशन के दौरान अटल जी सेशन हाउस में रुके थे. वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी ने पालमपुर के गांधी मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया था. रात का समय था और जब अटल जी जब भाषण दे रहे थे तो सुनने वाले सब चुपचाप बैठे थे. बीजेपी की ओर आयोध्या में राम मंदिर का प्रस्ताव लाने की बात सुनकर लोग खुशी से झूम उठे. मैदान में ही लोगों ने नाच-गाना शुरू कर दिया.
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