धर्मशाला: भारतीयों के साथ-साथ निर्वासित तिब्बतियों में भी चीन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है. देश के विभिन्न राज्यों में लोग चीन निर्मित सामान के बहिष्कार को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, निर्वासित तिब्बतियों ने भी मंगलवार को मैक्लोडगंज में प्रदर्शन कर एक बार फिर से चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान किया.
निर्वासित तिब्बती सरकार के सांसद दावा शेरिंग ने कहा कि निर्वासित तिब्बतियों ने वर्ष 1983 से चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम शुरू की थी, जिसे बाद में तिब्बतियन यूथ कांग्रेस व अन्य संगठनों ने आगे बढ़ाया है.
उन्होंने कहा कि जैसे तिब्बत से जो लोग भारत आते थे, उन्हें भी हम धर्मशाला में चीन का सामान न लाने की हिदायत देते थे. चीन के खिलाफ विश्व के कई देश मुखर हुए हैं, ऐसे में निर्वासित तिब्बतियों ने भी चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान किया है.
उन्होंने कहा कि हम सभी को चीन निर्मित सामान का बायकाट करने के लिए आना होगा, तभी चीन को सबक सिखाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे.
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