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हिमाचल में अब पासपोर्ट की तर्ज पर बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

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Published : Jul 21, 2020, 8:18 PM IST

अगर परिवहन विभाग का कांगड़ा और शिमला जिले में ई-परिवहन पायलट प्रोजेक्ट सफल हुआ, तो कुछ दिनों बाद हिमाचल पासपोर्ट की तर्ज पर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाला देश में पहला राज्य होगा. धर्मशाला में परिवहन निगम के निदेशक जेएम पठानिया ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सारी जानकारियां परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में रहेंगी. साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी.

E-transport pilot project
E-transport pilot project

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के लोग अब घर बैठे ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बना सकेंगे. इसके अलावा वाहनों की पासिंग और परमिट के लिए भी लोगों को परिवहन विभाग के कार्यालयों में आने की जरूरत नहीं रहेगी. लोगों को सुविधा देने के लिए परिवहन विभाग अपनी सभी सेवाओं को ऑनलाइन करेगा.

इसके लिए शुरुआती दौर में करीब 15 दिन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत‌ जिला कांगड़ा और शिमला में कार्य किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू कर लोगों का सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी.

देश का पहला राज्य बनेगा हिमाचल

धर्मशाला में इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए परिवहन निगम हिमाचल प्रदेश के निदेशक जेएम पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में परिवहन सेवाओं को ऑनलाइन करवाने वाला देश भर में पहला राज्य बनेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश के लोग अब ई-परिवहन सेवा के माध्यम से घर बैठ कर अपने ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कार्यों के लिए आवेदन कर सकेंगे.

वीडियो

इसके लिए उन्हें परिवहन विभाग के कार्यालय में आने की जरूरत नहीं रहेगी. उन्हें मात्र ड्राइविंग लाइसेंस की ट्राई के दौरान और वाहन पासिंग के दौरान ही परिवहन विभाग के कार्यालय में आने की जरूरत होगी, जबकि अन्य सभी सेवाएं वे घर बैठे ही प्राप्त कर सकेंगे.

वाहन ऑपरेटरों को होगा ज्यादा फायदा

उन्होंने बताया कि इस ऑनलाइन सुविधा का सबसे ज्यादा फायदा प्रदेश के वाहन ऑपरेटरों को होगा, क्योंकि इससे जहां उनके समय की बचत होगी, वहीं उन्हें आर्थिक नुक्सान भी नहीं उठाना पड़ेगा. ई-परिवहन में लोगों को कार्यां को करने का टाइम बाउंट होगा.

तय समय के भीतर मिलेगी सुविधा

हर सेवा के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाएंगे, जिसके चलते तय समय के भीतर लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस, पासिंग और परमिट आदि मिलेंगे. अगर तय समय के भीतर यह सब नहीं होता है तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही बनेगी. इस दौरान उनके साथ आरटीओ कांगड़ा डॉ. विशाल शर्मा व आरटीओ (फ्लाइंग) कांगड़ा डॉ. संजय धीमान भी मौजूद रहे.

उन्होंने बताया कि ई-परिवहन सेवाएं सॉफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था की गई है कि प्रदेश के लोग अपने हिसाब से पासपोर्ट आफिस की तर्ज पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वाहन की ट्राई दे सकेंगे. इसके अलावा वे खुद ही निर्धारित कर सकेंगे कि किस माह की किस तारीख को कितने बजे वे अपने वाहन की पासिंग करवा सकेंगे. यह सब व्यवस्था परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में रहेगी.

ये भी पढ़ें : विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने 71वें वन महोत्सव पर किया पौधरोपण, बोलेः वन है तो कल है

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के लोग अब घर बैठे ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बना सकेंगे. इसके अलावा वाहनों की पासिंग और परमिट के लिए भी लोगों को परिवहन विभाग के कार्यालयों में आने की जरूरत नहीं रहेगी. लोगों को सुविधा देने के लिए परिवहन विभाग अपनी सभी सेवाओं को ऑनलाइन करेगा.

इसके लिए शुरुआती दौर में करीब 15 दिन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत‌ जिला कांगड़ा और शिमला में कार्य किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू कर लोगों का सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी.

देश का पहला राज्य बनेगा हिमाचल

धर्मशाला में इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए परिवहन निगम हिमाचल प्रदेश के निदेशक जेएम पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में परिवहन सेवाओं को ऑनलाइन करवाने वाला देश भर में पहला राज्य बनेगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश के लोग अब ई-परिवहन सेवा के माध्यम से घर बैठ कर अपने ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कार्यों के लिए आवेदन कर सकेंगे.

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इसके लिए उन्हें परिवहन विभाग के कार्यालय में आने की जरूरत नहीं रहेगी. उन्हें मात्र ड्राइविंग लाइसेंस की ट्राई के दौरान और वाहन पासिंग के दौरान ही परिवहन विभाग के कार्यालय में आने की जरूरत होगी, जबकि अन्य सभी सेवाएं वे घर बैठे ही प्राप्त कर सकेंगे.

वाहन ऑपरेटरों को होगा ज्यादा फायदा

उन्होंने बताया कि इस ऑनलाइन सुविधा का सबसे ज्यादा फायदा प्रदेश के वाहन ऑपरेटरों को होगा, क्योंकि इससे जहां उनके समय की बचत होगी, वहीं उन्हें आर्थिक नुक्सान भी नहीं उठाना पड़ेगा. ई-परिवहन में लोगों को कार्यां को करने का टाइम बाउंट होगा.

तय समय के भीतर मिलेगी सुविधा

हर सेवा के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाएंगे, जिसके चलते तय समय के भीतर लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस, पासिंग और परमिट आदि मिलेंगे. अगर तय समय के भीतर यह सब नहीं होता है तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही बनेगी. इस दौरान उनके साथ आरटीओ कांगड़ा डॉ. विशाल शर्मा व आरटीओ (फ्लाइंग) कांगड़ा डॉ. संजय धीमान भी मौजूद रहे.

उन्होंने बताया कि ई-परिवहन सेवाएं सॉफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था की गई है कि प्रदेश के लोग अपने हिसाब से पासपोर्ट आफिस की तर्ज पर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वाहन की ट्राई दे सकेंगे. इसके अलावा वे खुद ही निर्धारित कर सकेंगे कि किस माह की किस तारीख को कितने बजे वे अपने वाहन की पासिंग करवा सकेंगे. यह सब व्यवस्था परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में रहेगी.

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