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सवालों के घेरे में PHE विभाग, गंदी नालियों में डाल दी पीने के पानी की पाइपें

गन्दी नालियों के बीच से पीने के पानी की पाइपें निकाली जा रही हैं. स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है.

एबीडी विभाग
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Published : Jul 24, 2019, 8:26 AM IST

ज्वालामुखी: ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में कैनोपी कार्य के दौरान पीने के पानी की पाइपें गन्दी नालियों के बीच से गुजार दी गई हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों में कड़ा रोष देखने को मिल रहा है. लोगों का कहना है कि पानी की लीकेज के दौरान इस पानी के दूषित होने का खतरा है जिससे बीमारियां फैल सकती हैं. हैरानी की बात यह है कि पीने के पानी की पाइपों की गहराई लगभग 1 फीट होनी चाहिए. वहीं, इन पाइपों को आधे फीट नालियों के बीच में से गुजार दिया गया है.

एबीडी विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से कैनोपी बनाने का कार्य किया जा रहा है. इसी के साथ बारिश व गन्दे पानी की निकासी के लिए नालियां भी बनाई जा रही हैं जिसके चलते पीने के पानी की पाइपें भी इन्हीं गन्दे पानी की निकासी वाली नालियों में ही दबाई जा रही है. जिसका स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है.

पानी के पाइप के ऊपर ही निकासी की नालियों का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी वजह से निकासी नालियां बाधित हो सकती है और पीने के पानी की पाइपें जाम होने की स्थिति में रिपेयर भी नहीं की जा सकती है.

स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने मांग की है कि पानी की पाइपों को नालियों से दूर बनाया जाना चाहिए जिससे लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े

ये भी पढ़े: अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला: सजने लगा चंबा का चौगान मैदान, जानिए ऐतिहासिक मेले का महत्व.

एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा का कहना है कि मामला उनके सामने आया है जल्द ही पीएचई व एबीडी विभाग से बैठक कर मामले का समाधान किया जाएगा.

ज्वालामुखी: ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में कैनोपी कार्य के दौरान पीने के पानी की पाइपें गन्दी नालियों के बीच से गुजार दी गई हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों में कड़ा रोष देखने को मिल रहा है. लोगों का कहना है कि पानी की लीकेज के दौरान इस पानी के दूषित होने का खतरा है जिससे बीमारियां फैल सकती हैं. हैरानी की बात यह है कि पीने के पानी की पाइपों की गहराई लगभग 1 फीट होनी चाहिए. वहीं, इन पाइपों को आधे फीट नालियों के बीच में से गुजार दिया गया है.

एबीडी विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से कैनोपी बनाने का कार्य किया जा रहा है. इसी के साथ बारिश व गन्दे पानी की निकासी के लिए नालियां भी बनाई जा रही हैं जिसके चलते पीने के पानी की पाइपें भी इन्हीं गन्दे पानी की निकासी वाली नालियों में ही दबाई जा रही है. जिसका स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है.

पानी के पाइप के ऊपर ही निकासी की नालियों का निर्माण किया जा रहा है. जिसकी वजह से निकासी नालियां बाधित हो सकती है और पीने के पानी की पाइपें जाम होने की स्थिति में रिपेयर भी नहीं की जा सकती है.

स्थानीय लोगों व दुकानदारों ने मांग की है कि पानी की पाइपों को नालियों से दूर बनाया जाना चाहिए जिससे लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े

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एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा का कहना है कि मामला उनके सामने आया है जल्द ही पीएचई व एबीडी विभाग से बैठक कर मामले का समाधान किया जाएगा.

Intro:नालियों से गुजार दी पीने के पानी की पाइपें, कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

पानी की लीकेज पर दूषित होने का खतरा
एक फ़ीट होनी चाहिए पाइपों की गहराई
नियमों को ताक पर रखकर हो रहा कामBody:नालियों से गुजार दी पीने के पानी की पाइपें, कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

पानी की लीकेज पर दूषित होने का खतरा
एक फ़ीट होनी चाहिए पाइपों की गहराई
नियमों को ताक पर रखकर हो रहा काम
ज्वालामुखी, 23 जुलाई (नितेश): ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में हो रहे कैनोपी के कार्य के दौरान सड़क किनारे हो रहे कार्य को कितने गैर जिम्मेदाराना तरीके से किया जा रहा है इसका एक उदाहरण देखने को मिला। अव्यवस्था का आलम ये है कि यहां गन्दी नालियों के बीच पीने की पाइपें गुजार दी, जिसके चलते स्थानीय लोगों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। लोगों का आरोप है कि पानी की लीकेज के दौरान यहां पानी के दूषित होने का खतरा है। हैरानी की बात ये है कि जहां पीने के पानी की पाइपों की गहराई लगभग 1 फ़ीट तक होनी चाहिए वहां आधे फ़ीट की बनी हुई नालियों के बीच में से इन पाइपों को गुजार दिया।
इस कार्य को ए बी डी विभाग द्वारा करबाया जा रहा है, जिसका ठेका विभाग द्वारा आगे एक ठेकेदार को दिया है, लेकिन यहां कोई पूछने बाला तो है नही ऐसे में ठेकेदार यहां अपना काम मनमर्जी से कर रहा है।
दरअसल ए डी बी द्वारा करोड़ो की लागत की कैनोपी बनाने का कार्य किया जा रहा है इसी के साथ रास्ते के साथ साथ बारिश व गन्दे पानी की निकासी के लिये नालियां भी बनाई जा रही हैं, जिसमे नियमो को ताक पर रखकर पानी के पाइप भी इस निकास नालियों में ही दबाए जा रहे हैं जो कि सरासर गलत है।
पानी की पाइप के ऊपर ही निकास नाली का निर्माण किया जा रहा है। जिस बजह से निकास नाली आने वाले समय मे अवरुद्ध हो सकती है और पानी के पाइप भी जाम होने की स्थिति में रिपेयर नही की जा सकती है।

समस्या का किया जाना चाहिए समाधान
निकास नालियां बनाने वालों को आई पी एच बिभाग से मिलकर इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए था। दुकानरो ने मांग की है कि पानी की पाइपों से दूर नाली बनाई जाए या कोई हल निकाला जाये ताकि आने वाले समय मे किसी को कोई परेशानी न हो।

Conclusion:बाइट
क्या कहते एस डी एम ज्वालाजी
इस बारे में एस डी एम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा का कहना है कि उनके ध्यानार्थ मामला आया है जल्द ही बैठक कर एडीबी को नियमानुसार कार्य करने की हिदायत दी जाएगी और आई पी एच बिभाग से भी इस बारे बात की जाएगी।
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