धर्मशाला: कांगड़ा जिला प्रशासन जल जनित रोगों से लोगों के बचाव को पूरी तरह मुस्तैद है. बचाव को लेकर एहतियाती कदम उठाए गए हैं, ताकि यहां डायरिया को फैलने से रोका जा सके. जिले में स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में है, पूर्व तैयारी के तौर पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरी दवाओं और अन्य प्रबंधों के साथ ही जन जागरूकता पर बल दिया जा रहा है. वहीं, जल शक्ति विभाग के जरिए व्यापक स्तर पर जल स्रोतों की स्वच्छता की मुहिम छेड़ी गई है.
एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेकटा ने बताया कि धर्मशाला तहसील के शीला चौक, पासू और भटेड़ गांवों में डायरिया के कुछ मामले आने के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया था. विभाग के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर लोगों की जांच और प्रभावितों को तत्काल उपचार सुविधा उपलब्ध कराई है. हर घर जाकर लोगों की जांच के साथ ही इससे निपटने के लिए दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं. उन्होंने कहा कि घरों से लिए गए पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और स्टोर किए गए पानी को फेंक दिया गया है.
एसडीएम शिल्पी बेक्टा ने खुद प्रभावित गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लिया, वहां लोगों से बातचीत की और प्रभावितों का कुशलक्षेम जाना. एसडीएम ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मदद के लिए दाड़ी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौबीस घंटे खुला रहेगा और वहां एंबुलेंस भी तैनात की गई है. प्रत्येक घर में क्लोरीन गोलियों का वितरण किया जा रहा है. एसडीएम शिल्पी बेकटा ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए खंड स्तर पर रैपिड एक्शन टीमें गठित की गई हैं. इसके अलावा जल शक्ति विभाग को उपमंडल में जल स्रोतों के रैंडम सैंपल लेकर स्वच्छता मानकों पर जांचने को कहा है. पानी के टैंकों और अन्य स्रोतों में क्लोरीन और ब्लीचिंग पाउडर डालने का काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के जरिए लोगों को डायरिया से बचाव और अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी व्यक्ति को डायरिया से संबंधित लक्षण दिखें तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं. उन्होंने कहा कि जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैयार हैं. बता दें कि विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला के शीला चौक भटेहट और पासू पंचायत में 2 दिन में डायरिया के 28 से अधिक मामले सामने आए हैं. मामले की गंभीरता को समझते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. खंड स्तरीय रैपिड एक्शन टीम गठित कर मामलों की निगरानी की जा रही है.
जोनल अस्पताल धर्मशाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश गुलेरी ने बताया कि दिक्कत होने पर कई लोग उपचार के लिए जोनल अस्पताल धर्मशाला पहुंचे थे. इन मरीजों में अधिकतर दस्त, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत के मामले थे. उन्होंने कहा कि सभी मरीजों का घर में इलाज चल रहा है और किसी भी मरीज को अभी तक अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में डायरिया के लक्षण दिखते हैं तो बिना देरी किए वह अपनी जांच नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में करवाएं. इसके अलावा लोग बाहर का खाना खाने से परहेज करें. उबला हुआ पानी ही पिएं. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में ओआरएस का घोल काफी उपयोगी है.
ये भी पढ़ें: डायरिया आउटब्रेक की साइंटिफिक स्टडी शुरू, रैपिड रिस्पांस टीम व तीन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ जांच में जुटे