धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला के तहत चलाए जा रहे गोसदन सराह में पिछले हफ्ते दो गायों की मौत हो गई थी जिसके बाद नगर निगम की खूब किरकिरी हुई. नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए कि आखिर किस तरह से गोसदन के अंदर गायों की मौत हो गई.
ईटीवी भारत ने भी इस सदन में गायों की मौत मामले को प्रमुखता से उठाया था और नगर निगम की कार्यप्रणाणी को लेकर भी कई सवाल खड़े किए थे. जिसके बाद प्रशासन ने जांच की बात कही थी. वहीं, अब बुधवार को नगर निगम की आम बैठक में गोसदन को लेकर चर्चा हुई और प्रस्ताव पारित किया गया.
सराह गोसदन में हुई दो गायों की मौत पर नगर निगम ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी फिक्स करने की बात कही. मेयर देवेंद्र जग्गी ने कहा कि बिना जिम्मेदारी फिक्स किए बात नहीं बनने वाली. गौसदन में कार्यरत कर्मियों द्वारा काम न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मनोनीत पार्षद ने गोसदन कर्मियों पर सही काम न करने की बात कही. गोसदन की क्षमता 56 की है, जबकि वहां पर कई बार 80 से अधिक मवेशी हो जाते हैं. इस पर मेयर ने कहा कि इस गोसदन के लिए तीन कमेटियां बनाई जाएंगी, जो कि 15 दिनों के अंतराल में गोसदन का निरीक्षण करेंगी.
बता दें कि गोसदन में 60 गायों को रखने की क्षमता है, जबकि यहां कभी 100 तो कभी 80 गायें हो जाती हैं, जबकि सुविधाएं न के बराबर हैं. कहने को तो यहां कर्मचारी तैनात किए गए हैं, लेकिन कर्मियों की लापरवाही का आलम यह है कि गायों के बीमार होने पर पशु चिकित्सकों व नगर निगम को इसकी सूचना तक नहीं दी जाती.
यही नहीं कई बार लोग अपने बीमार पशुओं को भी गोसदन में छोड़ जाते हैं, जबकि इस बारे गोसदन कर्मियों को अवगत नहीं करवाया जाता, ऐसे में बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं. अब नगर निगम ने बैठक में ये तय किया है कि गोसदन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.
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