पालमपुर: सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. संस्थान निदेशक डॉ. संजय कुमार ने एमएस-टीम के माध्यम से कर्मचारियों को संबोधित करके स्वच्छता शपथ दिलाई.
डॉ. संजय कुमार ने महात्मा गांधी की शिक्षाओं की प्रासंगिकता और आदर्शों के बारे में चर्चा करते हुए संपूर्ण भारत को सक्षम बनाने के उनके सपने को पूरा करने की दिशा में संस्थान के योगदान पर बताया. संस्थान कृषि प्रौद्योगिकी, प्रोसेसिंग और मूल्यवर्धन, प्रसार और कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण जनसमुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है. संस्थान में सगंध, हर्बल, पुष्पखेती के माध्यम से ग्रामीणों की आजीविका को बढ़ाकर उन्हें सक्षम बनाने में प्रयासरत है.
संस्थान निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि संस्थान ने 'अरोमा मिशन’ के अंतर्गत किसानों को जंगली गेंदे की उन्नत किस्मों की रोपण सामग्री, गुणवत्तायुक्त फसल प्राप्ति, उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक का प्रशिक्षण और किसानों की फसल/उत्पाद के विपणन के लिए बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मंदिर के चढ़ावे के पुष्पों का अगरबत्ती बनाने के लिए उपयोग करने सहित संस्थान का देश के ज्वलंत मुद्दे ,सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कदम है.
डॉ. संजय कुमार ने कहा कि वातावरण की स्वच्छता के लिए दुर्लभ, संकटापन्न पादप प्रजातियों को संरक्षित करके उनके प्राकृतिक वास में लगाया जा रहा है. वहीं, संस्थान ने कुपोषण, मिनरल और प्रोटीन की कमी से निपटने के लिए, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एनर्जी बार, प्रोटीन मिक्स, आयरन से भरपूर कैंडी इत्यादि खाद्य उत्पादों की तकनीक विकसित करके समाज के उत्थान के लिए सकारात्मक योगदान दिया है.
साथ ही डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर, हर्बल साबुन की तकनीक भी विकसित की और उद्यमियों के माध्यम से व्यापक स्तर पर उत्पादित करके लोगों तक पहुंचाया गया है. इस दौरान ,व्यर्थ से संपदा थीम, पर वैज्ञानिकों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं.
डॉ. शशि भूषण ने सेब के भुक्त शेष से न्यूट्रास्यूटिकल बनाने बारे में बताया. डॉ. महेश गुप्ता ने फलों एवं सब्जियों की फसलोपरान्त हानि को कम करने के लिए इसके रेडी-टू-ईट क्रिस्पी फ्रूट इत्यादि बनाकर अधिक समय तक तरोताजा और पोषकता बनाए रखने की तकनीक की जानकारी दी.
डॉ. दिनेश कुमार ने मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों से धूप बनाने की तकनीक पर कार्य प्रस्तुत किए और डॉ. रक्षक कुमार ने जैविक खाद और जीवाणुओं पर प्रकाश डाला. इससे जैविक संसाधनों का उचित उपयोग करके ग्रामीण आर्थिकी को विकसित करने में संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान कर रहा है. इस अवसर पर कर्मचारियों ने संस्थान परिसर एवं अपने कार्यस्थलों की सफाई की गई तथा पौधारोपण भी किया.