कांगड़ाः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के लिए 510 करोड़ रुपए का बजट जारी करने का स्वागत किया है. प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि लगभग 12 वर्षों बाद भी हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय अभी तक अपने स्थाई परिसर की ही लड़ाई लड़ रहा है.
'हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय चढ़ा राजनीति की भेंट'
एबीवीपी ने कहा कि प्रदेश के लिए बहुत ही चिंतनीय विषय है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ घोषित IIT मंडी का निर्माण व इसके बाद घोषित IIM व AIIMS का अपने भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है, लेकिन पूर्व में सरकारों की राजनीति के चलते हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय राजनीति की भेंट चढ़ता रहा. जिस विश्वविद्यालय के छात्रों को अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी आंदोलन करना पड़ता हो, ऐसे में वहां का छात्र कैसी परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई कर रहा होगा इसकी कल्पना की जा सकती है.
'प्रदेश की सरकारों की नाकामियों के कारण राशि वापस हुई'
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिछले 12 वर्षों के लंबे समय से केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर निर्माण को लेकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां व आंदोलनों के माध्यम से अपनी आवाज प्रदेश सरकार और केंद्र की सरकार तक पहुंचाने का कार्य कर रही है. हालांकि केंद्र सरकार हर वर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए राशि जारी करती है, लेकिन प्रदेश की सरकारों और विश्वविद्यालय प्रशासन की नाकामियों के कारण उस राशि को उपयोग में ना लाने की वजह से वह राशि वापस हो जाती थी.
भू अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग
केंद्रीय बजट के आने के बाद विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करते हुए निर्माण कार्य शुरू किया जाए. ताकि आने वाले समय में प्रदेश भर के छात्रों सहित विवि में पढ़ने वाले छात्रों को उचित सुविधाएं मुहैया करवाई जा सके.