धर्मशालाः निर्वासित में धर्मशाला के मैक्लोडगंज में तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा 7 जुलाई को 86 वर्ष के हो जाएंगे, ऐसे में अगले दलाई लामा के चुनाव को लेकर चीन ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है. हालांकि पिछले वर्ष चीन के विरोध के बीच अमेरिकी सीनेट ने 2020 में तिब्बती नीति को सर्वसम्मति से पारित किया था. इस कानून में तिब्बतियों को उनके आध्यात्मिक नेता का उत्तराधिकारी चुनने के अधिकार दिया गया है.
दलाई लामा के चुनाव को लेकर मचा घमासान
अमेरिका पहले से ही कहता आया है कि अगले दलाई लामा का चयन केवल तिब्बती बौद्ध समुदाय के लोग करें एवं इसमें चीन का कोई हस्तक्षेप ना हो, लेकिन चीन ने ऐसे संकेत दिए हैं कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीन ही करेगा. अमेरिका पहले ही इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सामने रखने की मांग कर चुका है. इस पूरे मामले पर अमेरिका और भारत की पहले से नजर है.
दलाई लामा ने वर्ष 2019 में बयान दिया था कि उनका उत्तराधिकारी कोई महिला भी हो सकती है, जिस पर चीन का कहना था कि नए लामा को चीनी सरकार से मान्यता लेनी ही होगी. तिब्बती समुदाय के अनुसार लामा गुरु शब्द का मूल रूप ही है. एक ऐसा गुरु जो सभी का मार्गदर्शन करता है, लेकिन यह गुरु कब और कैसे चुना जाएगा, इन नियमों का पालन आज भी सालों से किया जाता है.
इस बात को लेकर चीन कई बार नाराजगी भी जाहिर कर चुका है. अगले दलाई लामा को लेकर अमेरिका और चीन में काफी समय से विवाद जारी है. वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन तिब्बत में चीन के मानवाधिकार हनन को लेकर काफी मुखर हैं.
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