धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में भू-जल स्तर जांचने के लिए 205 पीजोमीटर लगाए जाएंगे. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) धर्मशाला द्वारा यह पीजोमीटर आउटसोर्सिंग के जरिए लगाए जाएंगे. पीजोमीटर ग्राउंड वाटर लेवल प्रेशर को मापने का काम करता है. वर्तमान में कांगड़ा और कालाअंब में रिंग के जरिए ही सीजीडब्ल्यूबी पूरे प्रदेश के भू-जल स्तर की निगरानी करता है. 205 पीजोमीटर लगाने के साथ इतनी ही संख्या में डिजिटल ग्राउंड वाटर लेवल रिकॉर्डर (डीडब्ल्यूएलडी) भी लगाए जाएंगे.
क्या है पीजोमीटर: पीजोमीटर भू-तकनीकी सेंसर हैं. जिसका यूज जमीन में छिद्र जल दबाव (पीजोमेट्रिक लेवल) को मापने के लिए किया जाता है. यह मिट्टी, चट्टान भराव, नींव और कंकरीट संरचनाओं में छिद्र जल दबाव को मापने का काम करता है.
DWLR यानी ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकार्डर: डिजिटल ग्राउंड वाटर लेवल रिकॉर्डर ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर है, इसे इंस्टॉल करने के बाद विशेषज्ञों को ग्राउंड वाटर लेवल जांचने के लिए फील्ड में जाने की जरूरत नहीं होती. ऑफिस में बैठक कर विशेषज्ञ ग्राउंड वाटर लेवल मॉनिटर कर सकते हैं. डीडब्ल्यूएलआर के जरिए दो टाइम बिना स्पॉट पर गए वाटर मॉनिटरिंग कर रिडींग सुबह व शाम को कम्प्यूटर के जरिए ली जा सकती है. पहले सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड धर्मशाला के विशेषज्ञों को चिन्हित स्थानों पर स्वयं जाकर ग्राउंड वाटर लेवल चेक करना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी होती थी.
हिमाचल प्रदेश में 205 पीजोमीटर प्रदेश भर में लगाए जाएंगे, यह भी एक तरह का ट्यूबवेल ही है, इन पीजोमीटर को आउटसोर्स किया जाएगा. डीडब्ल्यूएलआर के जरिए वाटर लेवल को मॉनिटर किया जाएगा कि कैसे कम हो रहा है और कैसे बढ़ रहा है. 205 पीजोमीटर लगने के बाद इतने ही डीडब्ल्यूएलआर लगेंगे और पूरा हिमाचल कवर हो जाएगा. - जेएन भगत, रीजनल डायरेक्टर, सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड धर्मशाला
400 से अधिक ट्यूबवेल लगाए: ग्राउंड वाटर लेवल जांचने के लिए सीजीडब्ल्यूबी प्रदेश भर में 400 से अधिक ट्यूबवेल लगा चुका है. सीजीडब्ल्यूबी ग्राउंड वाटर का लेवल जानने के लिए कि कहां कितना पानी है, ट्यूबवेल लगाता है, जहां पानी मिलता है, उसका पंपिंग टेस्ट किया जाता है. ट्यूबवेल के जरिए ग्राउंड वाटर की जानकारी हासिल होने के बाद ट्यूबवेल, आम पब्लिक के यूज के लिए जल शक्ति विभाग को सौंप दिया जाता है. अभी तक सीजीडब्ल्यूबी की ओर से 400 के करीब ट्यूबवेल बनाकर जल शक्ति विभाग को दे चुका है.
ये भी पढ़ें: धर्मशाला तैयार करेगा अपनी बिजली, अप्पर दाड़ी में स्मार्ट सिटी लगाएगी 600 किलोवाट का सोलर पैनल