ज्वालामुखी: कोरोना महामारी के बीच जहां केंद्र सरकार व राज्य सरकार पिछले एक महीने से लगातार आह्वान कर रही है कि गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को इस महासंकट की घड़ी में किसी प्रकार की परेशानी न आए वहीं सरकार के ही कुछ विभाग अति गरीब व असहाय लोगों को अपने पैरों तले रौंदने में लगे हुए हैं.
ज्वालामुखी में एक निर्धन परिवार स्थानीय राशन वितरण करने बाले डिपो होल्डर की लापरवाही का शिकार हो गया है. इसे जानबूझ कर की गई गलती कहिए या अनजाने में हुई भूल खामियाजा एक गरीब परिवार को भुगतना पड़ रहा है.
जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी की अम्ब पठियार पंचायत वार्ड नम्बर 6 के निवासी राजेश कुमार पुत्र अमी चंद का 2 साल पहले स्थानीय पंचायत के द्वारा ही बीपीएल परिवार के अंतगर्त चयन हुआ था. चयन के बाद बकायदा हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई विभाग द्वारा राजेश को सरकार द्वारा उचित मूल्य का राशन प्राप्त करने के लिए डिजिटल राशन कार्ड भी जारी हुआ था. राजेश अपने परिवार में अपनी पत्नी निशा तथा अपनी बच्ची सान्वी के साथ बमुश्किल जिंदगी बसर कर रहा है.
विडंबना ये है कि बीपीएल परिवारों में चयन होने के बावजूद भी राजेश सरकारी सहायता से कोसों दूर है, जो राशन कार्ड उसे सिविल सप्लाई विभाग द्वारा जारी किया गया है उस पर भी स्थानीय डिपो होल्डर की मनमानी के कारण उसे बीपीएल की बजाए एपीएल परिवारों के लिए निर्धारित राशन का कोटा दिया जा रहा है. राजेश कुमार का आरोप है कि डिपो होल्डर की मनमानी के कारण उसे उसका हक नहीं मिल रहा है तथा बार बार पूछने के बाबजूद भी डिपो होल्डर उसकी बातों को अनदेखा करके अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
राजेश ने बताया कि कोरोना महासंकट के कारण वह पिछले एक महीने से घर पर बैठा है. सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को काफी मात्रा में राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है. परंतु वो डिपो होल्डर की मनमानी का शिकार होता जा रहा है. राजेश का आरोप है कि बार बार बीपीएल परिवारों के लिए निर्धारित राशन मांगने पर भी डिपू होल्डर के कानों में जू तक नहीं रेंगती.
राजेश का आरोप है कि उसे जो राशन दिया जाता है उसकी रसीद भी नहीं दी जाती तथा बार बार रसीद मांगने पर भी टालमटोल की जाती है. राजेश ने बताया कि पिछले 2 साल से उसके साथ अन्याय हो रहा है. उसने प्रसाशनिक अधिकारियों तक इस बात का पर्दाफाश इसलिए नहीं किया क्योंकि उसे लगता कि डिपो होल्डर आज नहीं तो कल अपनी हरकतों से बाज आ जायेगा, लेकिन ऐसा नही हुआ.
राजेश कुमार ने हिमाचल प्रदेश सरकार सहित जिला खाद्य नियंत्रक से मांग की है कि पूरे मामले की विभागीय जांच करके उक्त डिपो होल्डर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. उसके साथ न्याय नही हुआ तो वह ज्वालामुखी स्थित एसडीएम कार्यालय के बाहर अपने परिवार के साथ धरने पर बैठेगा.
मामले में जिला खाद्य नियत्रंक नरेंद्र धीमान से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी ईटीवी भारत के माध्यम से ही मिल रही है. सिविल सप्लाई के पोर्टल पर जांच करने के बाद ये बात सही साबित हुई है कि राजेश कुमार के परिवार का जिसकी परिवार की मुखिया निशा कुमारी है के नाम से बीपीएल का राशन कार्ड बना हुआ है. उन्होंने कहा कि वे अम्ब पठियार कृषि सेवा सहकारी सभा समिति के नाम आज ही विभागीय जांच के आदेश दे रहे हैं. डिपो होल्डर को तुरंत नोटिस जारी किया जाएगा और पूरी सूचनाएं एकत्रित की जाएंगी.
इस मामले को लेकर सिविल सप्लाई इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि जिला खाद्य नियंत्रक के निर्देशों के अनुसार पूरे मसले की जांच पड़ताल करने के बाद दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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